मधेपुरा के बीएनएमयू मे पीएचडी कोर्स वर्क से निलंबित नाराज एक छात्र और छात्रा आगामी 19 फरवरी को आयोजित दीक्षांत समारोह के दौरान करेंगे आत्मदाह. ऐसी चेतावनी विश्वविद्यालय प्रशासन को दी गई है.
जिले में तूल पकड़ रहा है मामला, मामले को लेकर एसडीएम ने कहा कि बहुत जल्द इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन से की जाएगी वार्ता और सुलझा लिया जाएगा मामला।
मधेपुरा के बीएनएमयू मे आगामी 19 फरवरी को आयोजित दीक्षांत समारोह के दौरान दो शोधार्थी ने आत्मदाह की चेतावनी दी है. दरअसल भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय में 19 फरवरी को एक ओर जहाँ छठा दीक्षांत समारोह का आयोजन होगा, वहीं दूसरी ओर बीएनएमयू के पीएचडी के दो शोधार्थी ने कुलाधिपति सह राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के समक्ष आत्मदाह करने का एल्टीमेटम दिया है। अब मामला काफ़ी तूल पकड़ने लगा है आज इस मामले में बीएन एमयू के छात्र संगठनों ने महात्मा गाँधी स्मारक के समक्ष विश्वविद्यालय प्रसासन के विरुद्ध सत्याग्रह आंदोलन को लेकर संकल्प लिया है और शोधार्थियों की जान बचाने हेतु आगे की रणनीति पर विचार विमर्श भी किया है।
वहीं इस मामले मे मधेपुरा एसडीएम संतोष कुमार ने कहा कि बीएनएमयू प्रशासन से वार्ता की जाएगी और इस मामले को बहुत जल्द सुलझा लिया जाएगा। वहीं पीड़ित शोधार्थी छात्र और छात्रा ने कहा कि विश्वविद्यालय में छात्र के समस्याओं पर बीएनएमयू प्रशासन से सवाल करने पर जिस तरह से मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया है और पीएचडी कोर्स वर्क से निलंबित कर दिया गया है व पीएचडी का पंजीयन भी रोक दिया गया है, ऐसी स्थिति में आत्मदाह करने के अलावा अब कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है।
इस मामले मे विश्वविद्यालय प्रशासन चुप्पी साधे है फिलहाल कैमरे पर कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार वनस्पति विज्ञान विषय की शोधार्थी मौसम कुमारी एवं भौतिकी विषय के शोधार्थी मो0 अरमान अली ने कहा कि बीएनएमयू कुलपति एवं कुलानुशासक के द्वारा छात्र विरोधी, दमनात्मक, तानाशाही रवैया, पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर, मनुवादी एवं सामंतवादी तरीके से अन्यायपूर्ण निर्णय लिया गया जिससे नाराज छात्रों ने मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाकर राष्ट्रपति को पत्र प्रेषित कर आत्मदाह की स्वीकृति मांगी है।

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