यूट्यूब की मदद से घर से तैयारी कर मुरलीगंज की नेहा ने 64 वीं बीपीएससी में मारी बाजी

बीपीएससी की परीक्षा में खाद्य आपूर्ति निरीक्षक के पद पर सफलता अर्जित कर माता-पिता का सम्मान बढ़ाया

एनएच 107 गौशाला गेट के ठीक सामने एक छोटे से तीन कमरे के किराए के टूटे-फूटे घर में एक भाई और दो बहन के साथ रह कर की पढ़ाई

सफलता, गरीबी का मोहताज नहीं होती है। मजबूत इरादे एवं दिल से किए गए मेहनत से जीवन में कभी भी ऊंचाईयों के शिखर पर पहुंचा जा सकता है। कठिन मेहनत सफलता की गारंटी है। 

प्रतिभा संसाधनों की मोहताज नहीं होती। प्रतिभा और आत्मबल है तो संसाधनों की कमी के बावजूद आप कामयाबी के शिखर तक पहुंच सकते हैं। मुरलीगंज एक छोटे से गल्ला व्यवसाई की पुत्री नेहा कुमारी ने बीपीएससी की 64 वीं परीक्षा में सफलता अर्जित कर यह साबित कर दिखाया कि सफलता गरीबी का मोहताज नहीं. 64 वीं बीपीएससी परीक्षा का परिणाम घोषित होते हैं नेहा के माता किरण देवी पिता पवन कुमार भगत पुत्री की सफलता पर खुशी ठिकाना ना रहा खुशी का इजहार करते हुए पिता ने कहा कि मेरे समुचित जीवन की कमाई का परिणाम आज मुझे मिल गया ।

खुशी के इस पल पर अपनी पुत्री को मिठाई खिलाते हुए माता पिता ने कहा कि मैं मूल रूप से यदुआपट्टी वार्ड नंबर दो कुमारखंड का निवासी हूं । 1990 में मुरलीगंज से मैं व्यापारी के यहां नौकरी कर कुछ वर्षों तक गुजारा किया फिर मुरलीगंज गोपाल गौशाला के ठीक सामने एक छोटे से मकान को किराए पर लेकर अपना छोटा सा गल्ला का कारोबार शुरू किया.

मेरी तीन बेटियां हैं जिनमें सबसे बड़ी नेहा कुमारी उससे छोटी निधि कुमारी और सबसे छोटी पल्लवी तथा बेटा अंकित सभी के शिक्षा के लिए जहां तक हो सके हमने हर संभव प्रयास किया. आज तक इस शहर में 1 इंच जमीन हम नहीं खरीद पाए हैं । हमारी मंशा थी कि अगर हम अपने बाल बच्चों को पढ़ा लें अच्छी शिक्षा दे लें तो इससे बड़ी कमाई और कुछ नहीं हो सकती और हमारी बड़ी बेटी नेहा ने  बीपीएससी की 64 वी परीक्षा में खाद्य आपूर्ति निरीक्षक के पद पर सफलता अर्जित कर दिखला दिया उनकी मेहनत बेकार नहीं गई।


'अगर लगन के साथ लक्ष्य को हासिल करने के लिए मेहनत की जाए तो सफलता निश्चित मिलती है': नेहा कुमारी

मुरलीगंज नगर पंचायत क्षेत्र के छोटे गल्ला व्यवसाई पुत्री नेहा कुमारी बीपीएससी की परीक्षा में दूसरे प्रयास में सफलता अर्जित कर यह साबित कर दिया कि अगर लगन के साथ लक्ष्य को हासिल करने के लिए मेहनत किया जाए तो सफलता अवश्य मिलती है. 

गौशाला के गेट के ठीक सामने छोटे से किराए के मकान में रहने वाली तीन कमरों के छोटे से मकान जिसमें तीन बहन और एक भाई सरकारी स्कूल की पढ़ाई कर सफलता के परचम पर पहुंचे ने बताया कि उसकी आठवीं तक की स्कूली शिक्षा सोनी मध्य विद्यालय मुरलीगंज में हुई उसके बाद उसने माध्यमिक शिक्षा 2012 में बलदेव लक्ष्मी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मुरलीगंज से प्राप्त की. 2014 में इंटर साइंस की पढ़ाई एल पी एम कॉलेज मुरलीगंज से की।  ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए पटना विमेंस कॉलेज को चुना अपनी सफलता का श्रेय माता पिता के गुरुजनों भाई बहन मित्रों को दिया. 

सिविल सर्विसेज की तैयारी के विषय में नेहा ने बताया कि जब वे माध्यमिक बोर्ड की परीक्षा दे रही थी उस समय मधेपुरा जिले के जिला पदाधिकारी गोपाल मीणा हुआ करते थे और परीक्षा के दौरान उनके रुतबे और पावर को देखकर उसी समय तय कर लिया कि उन्हें सिविल सर्विसेज में जाना है.

बिना कोचिंग मुरलीगंज में घर में बैठकर 8 से 10 घंटे पढ़ाई कर की सफलता अर्जित

नेहा ने बताया कि 2017 में ग्रेजुएशन प्राप्त करने के बाद पिता के सर पर अन्य भाई बहनों की भी शिक्षा का भार था और उसने घर आकर प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करना उचित समझा और घर पर मोबाइल व लैपटॉप में यूट्यूब के सहारे ढेर सारे स्टडी मैटेरियल जमा किए, नोट्स बनाएं नेहा ने बताया कि आज कर लो दुनिया मुठ्ठी में आज मोबाइल पर ढेर सारे अलग-अलग शिक्षकों के पढ़ाई कंटेंट उपलब्ध है. अगर सच्ची लगन हो तो घर बैठकर भी सफलता अर्जित की जा सकती है वही नेहा ने बताया कि अब उसका अगला लक्ष्य अखिल भारतीय सिविल सर्विसेज की परीक्षा में सफलता अर्जित करना उद्येश्य होगा। 

नेहा ने कहा कि वैसे तो मोबाइल के दुरुपयोग के विषय में बहुत सी बातें होती है अगर आप उसे सदुपयोग में लाएंगे पढ़ाई के लिए लाएंगे तो वहां एक से एक अच्छे शिक्षक द्वारा पढ़ाए गए कंटेंट्स उपलब्ध है बस आपकी मेहनत आपकी सफलता किसी भी बन सकती है

माता किरण देवी के खुशी के आंसू रुक नहीं रहे थे. उन्होंने कहा कि बचपन से ही पढ़ाई के लिए जब जो मांगा हमसे जितना बन पड़ा हमने सहयोग किया बचपन से ही शिक्षकों ने कहा कि आपकी बेटी बहुत ही मेधावी है एक दिन आप का नाम अवश्य रोशन करेगी उन्होंने बताया की रमेश सर सुनील सर सुमन सर सभी ने हमारी बेटी को आगे बढ़ने अच्छी शिक्षा दें में प्रतियोगिता परीक्षा में हिस्सा लेने के लिए काफी मनोबल बढ़ाया। आज उन्हीं लोगों के इंस्पिरेशन का परिणाम है कि नेहा आगे बढ़ती चली गई।

माता पिता ने कहा कि हमारी तीन बेटियां हैं. कोई किसी से कम नहीं है. बेटियों को हमने बेटे की तरह पाला है और बेटे की तरह शिक्षा दीक्षा दी है. बेटियां आज के दौर में बहुत कुछ हासिल कर सकती है बेटी को बोझ समझा जाता था, आज बेटियां बेटों से अच्छा कर रही है।

यूट्यूब की मदद से घर से तैयारी कर मुरलीगंज की नेहा ने 64 वीं बीपीएससी में मारी बाजी यूट्यूब की मदद से घर से तैयारी कर मुरलीगंज की नेहा ने 64 वीं बीपीएससी में मारी बाजी Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on June 07, 2021 Rating: 5

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