भू-सर्वेक्षण कार्य के उद्देश्य एवं रूपरेखा पर बंदोबस्त पदाधिकारी चंद्रशेखर झा ने विस्तार से जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि जमीन सर्वे के बाद जमीन संबंधी कई तरह की सुविधाएं रैयत को प्राप्त होगी. एक तो जमीन विवाद से लोगों को मुक्ति मिलेगी, दूसरी ओर जमीन से जुड़ी सारी जानकारियां वेबसाईट पर उपलब्ध होगी. रैयत घर बैठे अपनी जमीन से जुड़े कोई भी जानकारी एक क्लिक में प्राप्त कर सकता है. ऑनलाइन रसीद के साथ कई ऐसी सुविधाएं होंगी जो पहले नहीं मिल रही थी. इसके अलावा रैयतों का कार्ड भी बनेगा. उन्होंने बताया कि सर्वे का मुख्य उद्देश्य जमीन विवाद का निराकरण करना है.
सर्वेक्षण कार्य के रूपरेखा पर श्री झा ने विस्तार से चर्चा की. उन्होंने बताया कि 5 अंचलों में भू सर्वेक्षण कार्य प्रारंभ करने हेतु मौजा वार उद्घोषणा कर दी गई है तथा इसे समाचार पत्रों के माध्यम से प्रकाशित भी किया जा रहा है. उद्घोषणा के साथ ही मौजे में भू सर्वेक्षण का कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा. सर्वप्रथम सभी चयनित मौजे में आम सभा का आयोजन कर रैयतों को सर्वे की प्रक्रिया एवं इसके उद्देश्य के संबंध में रैयत अपने स्वामित्व के भूमि का विवरण प्रपत्र-2 जो स्वघोषणा पत्र कहलाता है, उस में भरकर शिविर में कार्यालय सहायक के पास जमा करवाकर पावती प्राप्त करेंगे. स्वघोषणा के साथ ही रैयत अपनी वंशावली भी प्रपत्र 3-I में उपलब्ध कराएंगे. इन प्रपत्रों का प्रारूप रैयतों को उपलब्ध कराया जाएगा. रैयतों से प्राप्त इन प्रपत्रों की जांच अमीन द्वारा कर लिए जाने के बाद प्रपत्र 3 में सर्वे टीम द्वारा विवरण तैयार किया जाएगा.
अमीन क्षेत्र में एजेंसी से प्राप्त नक्शे का स्थल से मिलान कर जमीन की वर्तमान स्थिति के अनुरूप नक्शे में प्लॉट बनाएंगे तथा बने हुए प्लॉट की जांच करेंगे. नंबरिंग कार्य समाप्त होने के उपरांत रैयतों से उनके स्वामित्व को प्रमाणित करने वाले दस्तावेज की मांग करेंगे जिस आधार पर खाता खोलने की कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी. इस प्रक्रिया के बाद रैयतों को नक्शे एवं अपने धारित भूमि का परचा दिया जाएगा ताकि भू सर्वेक्षण के दौरान निर्मित एवं उनके भूखंड एवं मालिकाना हक से संबंधित विवरण वो जान सके. इसमें त्रुटि पाए जाने पर रैयतों को आपत्ति दायर करने का अवसर दिया जाएगा. आपत्ति की सुनवाई संबंधित अंचलों के शिविर में ही की जाएगी.
बंदोबस्त पदाधिकारी ने बताया कि सभी कार्यों को तय सीमा में समाप्त करने हेतु मुख्यालय स्तर से एक कार्य योजना सभी टीम को उपलब्ध करा दी गई है तथा इसे तय सीमा के अंदर पूरा करने का लक्ष्य उन्हें दिया गया है. इस प्रकार चार पूर्व से चल रहे अंचलों में भू सर्वेक्षण कार्य के अतिरिक्त पांच नए अंचल मिलाकर कुल 9 अंचलों के 133 शिविरों में भू सर्वेक्षण का कार्य प्रारंभ हो गया है.
(नि. सं.)
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