अपहृत के परिवार की तरफ से बताया गया कि प्रियांशु कुमार 28 नवंबर की देर शाम घरेलू सामान लाने के लिए बनचोलहा नहर के चौक पर जा रहे थे कि रास्ता में एक स्कॉर्पियो नजदीक में रोककर सवैला जाने का रास्ता पूछा ओर हथियार दिखा कर गाड़ी में बैठा कर चल दिया। कुछ देर बाद जब घर नही पहुंच तो खोजबीन शुरू हो गया। अपहरण की सूचना घैलाढ़ ओपी को दिया गया। वहीँ 29 नवंबर को बैजनाथ यादव को एक नम्बर से फोन किया गया की दो लाख रु दीजिए लड़का को वापस कर देंगे नहीं देने पर जान से मार देंगे। 1 दिसंबर के लगभग 4:00 बजे फिर दूसरे नंबर से फोन आया की बैजनाथपुर सौर वाली रोड में एक बगीचा के पास पैसा रख दीजिए। लड़का मिल जाएगा। अपहृत के पिता बैजनाथ यादव वहां पहुंचे और दो लाख रु. रख दिये । अपराधी पैसा भी लेकर निकल गए लेकिन लड़का बरामद नहीं हुआ ।
इसके बाद 2 दिसंबर के सुबह अपहृत के पिता ने ओपी पहुंचकर प्राथमिक की दर्ज कराई। शाम करीब 6:00 बजे अपहृत प्रियांशु ने अपने पिता पर फोन कर बताया कि हमें छोड़ दिया है सहरसा के इस्लामिया चौक पर हैं. खबर सुनकर उनके पिता ने इस्लामिया चौक पहुंचे तब तक में सहरसा सदर पुलिस ने प्रियांशु को अपने कब्जे में लेकर सहरसा सदर ले गए और पूछताछ के बाद मधेपुरा पुलिस को सुपुर्द कर दिया गया।
ओपी अध्यक्ष श्रीकांत शर्मा ने बताया कि अपहृत युवक की बरामदगी कर ली गई है. पूछताछ के बाद परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया है, फिरौती के बारे में पूछे जाने पर बताया कि उसी बिंदु पर जांच पड़ताल चल रही है.

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