मधेपुरा जिले के शंकरपुर प्रखंड में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण किसानों को न तो मजदूर मिल रहे हैं और न ही मशीन. जिसके चलते किसानों के माथे पर चिंता की लकीर साफ दिखने लगी है.
खेतों में फसल पक कर तैयार हो चुकी है जिसे कटवाने और फसल को सुरक्षित रखने के लिए किसान चितिंत हैं. वहीं दूसरी और मौसम का मिजाज भी लगातार बदल रहा है जिसके चलते धूप-छाँव और बादल होने से किसान की चिंता दुगुनी हो गई है. खेतों में सरसों और गेहूं की फसल पककर तैयार है जबकि गेहूं की कटाई भी इसी सप्ताह में शुरू हो जाएगी लेकिन कोरोना वायरस को लेकर देशभर में घोषित लॉकडाउन की वजह से किसान गेहूं की कटाई को लेकर चिंता में पड़ गये हैं.
किसानों को यही चिंता खाई जा रही है कि गेहूं कटनी में मजदूर कहाँ से लाएंगे और गेहूं की कटनी कैसे होगी. हालांकि कम जमीन में सरसों की बुआई होने के कारण किसानों ने जैसे तैसे अपने परिवार के साथ मिलकर सरसों की कटाई शुरू कर दी है लेकिन गेहूं की कटाई मजदरों की मदद के बगैर संभव नहीं है. किसान गेहूं की कटाई के लिए मजदूरों के पास दिन रात चक्कर लगा रहे हैं ताकि फसल की कटाई ससमय हो सके लेकिन डर की वजह से मजदूर भी इसके लिए तैयार नहीं हो रहे हैं.
वहीं किसानों पर बेमौसम बारिश व आंधी की मार भी थमने का नाम नहीं ले रही है, कुछ दिन पहले प्रखंड क्षेत्र में तेज बारिश व तेज रफ्तार वाले हवा ने किसानों के सैकड़ों एकड़ में लगी फसल बर्बाद हुई. इधर भी मौसम बराबर खराब रहता है, कभी धूप तो कभी बादल मंडराने लगता है. वहीं एक झरकाहा निवासी किसान हरि नंदन यादव ने कहा कि मजदरों की मदद के बगैर किसान फसल को कैसे काटेंगे यह चिंता बनी हुई है. मजदूर नहीं मिलने से कई समस्या आ सकती है.
वहीं लाही निवासी किसान विनय कुमार ने बताया कि गावों में रहने वाले मजदूरों ने फसल कटाई के कार्य से इंकार कर दिया है, किसान परेशान हैं. जिरवा निवासी किसान सत्यनारायण यादव ने कहा कि पहले तो मजदूर गेहूं कटाई करने खेत में पहुंच जाते थे लेकिन अब तो फसल कटाई करने से बिल्कुल इंकार करते हैं.

खेतों में फसल पक कर तैयार हो चुकी है जिसे कटवाने और फसल को सुरक्षित रखने के लिए किसान चितिंत हैं. वहीं दूसरी और मौसम का मिजाज भी लगातार बदल रहा है जिसके चलते धूप-छाँव और बादल होने से किसान की चिंता दुगुनी हो गई है. खेतों में सरसों और गेहूं की फसल पककर तैयार है जबकि गेहूं की कटाई भी इसी सप्ताह में शुरू हो जाएगी लेकिन कोरोना वायरस को लेकर देशभर में घोषित लॉकडाउन की वजह से किसान गेहूं की कटाई को लेकर चिंता में पड़ गये हैं.
किसानों को यही चिंता खाई जा रही है कि गेहूं कटनी में मजदूर कहाँ से लाएंगे और गेहूं की कटनी कैसे होगी. हालांकि कम जमीन में सरसों की बुआई होने के कारण किसानों ने जैसे तैसे अपने परिवार के साथ मिलकर सरसों की कटाई शुरू कर दी है लेकिन गेहूं की कटाई मजदरों की मदद के बगैर संभव नहीं है. किसान गेहूं की कटाई के लिए मजदूरों के पास दिन रात चक्कर लगा रहे हैं ताकि फसल की कटाई ससमय हो सके लेकिन डर की वजह से मजदूर भी इसके लिए तैयार नहीं हो रहे हैं.
वहीं किसानों पर बेमौसम बारिश व आंधी की मार भी थमने का नाम नहीं ले रही है, कुछ दिन पहले प्रखंड क्षेत्र में तेज बारिश व तेज रफ्तार वाले हवा ने किसानों के सैकड़ों एकड़ में लगी फसल बर्बाद हुई. इधर भी मौसम बराबर खराब रहता है, कभी धूप तो कभी बादल मंडराने लगता है. वहीं एक झरकाहा निवासी किसान हरि नंदन यादव ने कहा कि मजदरों की मदद के बगैर किसान फसल को कैसे काटेंगे यह चिंता बनी हुई है. मजदूर नहीं मिलने से कई समस्या आ सकती है.
वहीं लाही निवासी किसान विनय कुमार ने बताया कि गावों में रहने वाले मजदूरों ने फसल कटाई के कार्य से इंकार कर दिया है, किसान परेशान हैं. जिरवा निवासी किसान सत्यनारायण यादव ने कहा कि पहले तो मजदूर गेहूं कटाई करने खेत में पहुंच जाते थे लेकिन अब तो फसल कटाई करने से बिल्कुल इंकार करते हैं.

कोरोना के कारण किसानों पर भी आफत
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
March 28, 2020
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