भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई का अस्थि कलश 11.40 में मधेपुरा पहुंचा तो जगह-जगह लोगों ने उनके अस्थि कलश को पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी.
अस्थि कलश जब मधेपुरा पहुंचा तो उनके समर्थकों की भीड़ ने अस्थि कलश को कॉलेज चौक, थाना चौक, सुभाष चौक, कचहरी के पास, पुर्णिया गोला चौक, कर्पूरी चौक और रेलवे स्टेशन के पास लोगों ने उस पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. अस्थि कलश यात्रा में एलंबी गाड़ियों का काफिला शामिल था.
इस अस्थि कलश के साथ लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री विनोद नारायण झा, प्रदेश उपाध्यक्ष पूर्व मंत्री डॉ. रविंद्र चरण यादव, प्रदेश मंत्री भाजपा राजेश वर्मा, जिलाध्यक्ष स्वदेश कुमार और सजल झा साथ में थे. बताया कि यह अस्थि कलश मधेपुरा के बाद मिठाई, सबैला चौक और बैजनाथपुर होते हुए श्रद्धालुओं के दर्शन के बाद सहरसा पहुंचेगी. जहां बलुआ घाट में अस्थि कलश को विसर्जित किया जाएगा.
मौके पर विकाश पाठक, नगर अध्यक्ष अंकेश गोप, पूर्व प्रत्याशी विजय कुमार विमल, पूर्व अध्यक्ष अरविंद अकेला, जटाशंकर, गणेश गुंजन, दिलीप सिंह, चंद्रहास चौपाल, मिथिलेश ऋषिदेव, आलोक कुमार, महादेव चौधरी, वीरेंद्र चौधरी, मनोज शर्मा, सौरभ यादव, अरविंद दास, रणवीर यादव, सुभाष साह, विमलेंदु, अमरदीप राय, रीता राय, अमोद कुमार, दीपक यादव आदि मौजूद थे.
सिंहेश्वर में भी अस्थि कलश के दर्शन करने लोगों की उमड़ी भीड़
भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री और राजनीति के शिखर पुरूष स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई के अस्थि कलश के मधेपुरा के सिंहेश्वर में पहुंचते ही उनके अस्थि कलश के दर्शन करने और पुष्पांजलि के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी.
सुबह 7 बजे से ही अटल भक्तों की भीड़ सिंहेश्वर के भिन्न-भिन्न जगहों दुर्गा चौक, पुला के पास, अमर ज्योति के पास, ललित धर्मशाला के पास घंटों धुप में खड़े हो कर अस्थि कलश का इंतजार करती रही. समर्थकों की भीड़ में भाजपा नेताओं ने दुर्गा चौक पर तथा ललित धर्मशाला के पास वस्त्र व्यापार संघ के लोगों ने अस्थि कलश पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. वहीं यह बारिश की फुहार सिंहेश्वर क्षेत्र से निकलते ही बंद हो गई.
अस्थि कलश के आगमन के कार्यक्रम को लेकर सिंहेश्वर में भाजपा नेताओं के बयान से पूरे दिन अटल जी के समर्थकों में उपाहपोह की स्थति बनी रही. पूरे दिन गिरगिट के तरह भाजपा नेता ने अपने अपने बयान बदले कभी शाम में 7 बजे तो कभी सुबह में 7 बजे का समय बताया जाता रहा. एक दूसरे के बयान को भी काटते रहे, जिसके कारण बीजेपी कार्यकर्ता हंसी के पात्र दिखाई दिये.
वहीं देश के विभिन्न नदियों में अस्थि कलश को विसर्जित करने को लेकर हो रही राजनीति पर आईटी सेल के संयोजक अरविंद मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस के द्वारा किए जा रहे दुष्प्रचार और कांग्रेस नेताओं द्वारा की जा रही गंदी राजनीति उसके ऊपर भारी पड़ेगी. अटलजी किसी पार्टी के नेता नहीं थे वे विश्व स्तरीय जन नायक नेता थे. कांग्रेस के लोगों ने उलटे-पुलटे बयान देकर अपने आपको कटघरे में खड़ा कर लिया है. खासकर अपने आप को अटल जी की भतीजी कह कर उनके नाम राजनीति लाभ लेने वाली किरण देवी को तो अटल जी के सम्मान से भी जलन होने लगी.
वहीं विजय भगत ने कहा कि अटल जी के अस्थि कलश का देश के सभी नदियों में विसर्जन को ढकोसला बताने वाली भतीजी को शुरू से ही अटलजी का बढ़ता मान बर्दाश्त नहीं हुआ, इसलिए तो वह देश को रसातल में ले जाने वाली कांग्रेस पार्टी में चली गईं. बिनोद दास ने कहा कि देश में ऐसे लोगों को चिन्हित कर जनता चुनाव में उन्हें सबक सिखायेगी. जनता मूर्ख नहीं है उन्हें पता है किस राजनीतिक लाभ के लिए ऐसा घृणित काम किया गया.
वहीं इस अस्थि कलश के साथ लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री विनोद नारायण झा, प्रदेश उपाध्यक्ष पूर्व मंत्री डॉ. रविंद्र चरण यादव, प्रदेश मंत्री भाजपा राजेश वर्मा और सजल झा रथ के साथ में थे. मौके पर वस्त्र व्यापार संघ के अध्यक्ष अरविंद प्राणसुखा, विजय टेकरीवाल, सारदानंद सरस्वती, आषिश गुप्ता, संजय पाठक, संजीव शर्मा, विनोद सरदार, सुदीप ठाकुर, संजय स्वर्णकार, मनोज कुमार, सुनिल यादव, सागर कुमार, राय जवाहर, सुरेश यादव, हरिओम चौधरी, मनीष गुप्ता, मिलन गुप्ता, कुंदन भगत, संतोष गुप्ता, रामांशंकर तिवारी, मनोरंजन सिंह, रामपुकार सिंह, चंदन अग्रवाल मौजूद थे.
अस्थि कलश जब मधेपुरा पहुंचा तो उनके समर्थकों की भीड़ ने अस्थि कलश को कॉलेज चौक, थाना चौक, सुभाष चौक, कचहरी के पास, पुर्णिया गोला चौक, कर्पूरी चौक और रेलवे स्टेशन के पास लोगों ने उस पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. अस्थि कलश यात्रा में एलंबी गाड़ियों का काफिला शामिल था.
इस अस्थि कलश के साथ लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री विनोद नारायण झा, प्रदेश उपाध्यक्ष पूर्व मंत्री डॉ. रविंद्र चरण यादव, प्रदेश मंत्री भाजपा राजेश वर्मा, जिलाध्यक्ष स्वदेश कुमार और सजल झा साथ में थे. बताया कि यह अस्थि कलश मधेपुरा के बाद मिठाई, सबैला चौक और बैजनाथपुर होते हुए श्रद्धालुओं के दर्शन के बाद सहरसा पहुंचेगी. जहां बलुआ घाट में अस्थि कलश को विसर्जित किया जाएगा.
मौके पर विकाश पाठक, नगर अध्यक्ष अंकेश गोप, पूर्व प्रत्याशी विजय कुमार विमल, पूर्व अध्यक्ष अरविंद अकेला, जटाशंकर, गणेश गुंजन, दिलीप सिंह, चंद्रहास चौपाल, मिथिलेश ऋषिदेव, आलोक कुमार, महादेव चौधरी, वीरेंद्र चौधरी, मनोज शर्मा, सौरभ यादव, अरविंद दास, रणवीर यादव, सुभाष साह, विमलेंदु, अमरदीप राय, रीता राय, अमोद कुमार, दीपक यादव आदि मौजूद थे.
सिंहेश्वर में भी अस्थि कलश के दर्शन करने लोगों की उमड़ी भीड़
भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री और राजनीति के शिखर पुरूष स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई के अस्थि कलश के मधेपुरा के सिंहेश्वर में पहुंचते ही उनके अस्थि कलश के दर्शन करने और पुष्पांजलि के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी.
सुबह 7 बजे से ही अटल भक्तों की भीड़ सिंहेश्वर के भिन्न-भिन्न जगहों दुर्गा चौक, पुला के पास, अमर ज्योति के पास, ललित धर्मशाला के पास घंटों धुप में खड़े हो कर अस्थि कलश का इंतजार करती रही. समर्थकों की भीड़ में भाजपा नेताओं ने दुर्गा चौक पर तथा ललित धर्मशाला के पास वस्त्र व्यापार संघ के लोगों ने अस्थि कलश पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. वहीं यह बारिश की फुहार सिंहेश्वर क्षेत्र से निकलते ही बंद हो गई.
अस्थि कलश के आगमन के कार्यक्रम को लेकर सिंहेश्वर में भाजपा नेताओं के बयान से पूरे दिन अटल जी के समर्थकों में उपाहपोह की स्थति बनी रही. पूरे दिन गिरगिट के तरह भाजपा नेता ने अपने अपने बयान बदले कभी शाम में 7 बजे तो कभी सुबह में 7 बजे का समय बताया जाता रहा. एक दूसरे के बयान को भी काटते रहे, जिसके कारण बीजेपी कार्यकर्ता हंसी के पात्र दिखाई दिये.
वहीं देश के विभिन्न नदियों में अस्थि कलश को विसर्जित करने को लेकर हो रही राजनीति पर आईटी सेल के संयोजक अरविंद मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस के द्वारा किए जा रहे दुष्प्रचार और कांग्रेस नेताओं द्वारा की जा रही गंदी राजनीति उसके ऊपर भारी पड़ेगी. अटलजी किसी पार्टी के नेता नहीं थे वे विश्व स्तरीय जन नायक नेता थे. कांग्रेस के लोगों ने उलटे-पुलटे बयान देकर अपने आपको कटघरे में खड़ा कर लिया है. खासकर अपने आप को अटल जी की भतीजी कह कर उनके नाम राजनीति लाभ लेने वाली किरण देवी को तो अटल जी के सम्मान से भी जलन होने लगी.
वहीं विजय भगत ने कहा कि अटल जी के अस्थि कलश का देश के सभी नदियों में विसर्जन को ढकोसला बताने वाली भतीजी को शुरू से ही अटलजी का बढ़ता मान बर्दाश्त नहीं हुआ, इसलिए तो वह देश को रसातल में ले जाने वाली कांग्रेस पार्टी में चली गईं. बिनोद दास ने कहा कि देश में ऐसे लोगों को चिन्हित कर जनता चुनाव में उन्हें सबक सिखायेगी. जनता मूर्ख नहीं है उन्हें पता है किस राजनीतिक लाभ के लिए ऐसा घृणित काम किया गया.
वहीं इस अस्थि कलश के साथ लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री विनोद नारायण झा, प्रदेश उपाध्यक्ष पूर्व मंत्री डॉ. रविंद्र चरण यादव, प्रदेश मंत्री भाजपा राजेश वर्मा और सजल झा रथ के साथ में थे. मौके पर वस्त्र व्यापार संघ के अध्यक्ष अरविंद प्राणसुखा, विजय टेकरीवाल, सारदानंद सरस्वती, आषिश गुप्ता, संजय पाठक, संजीव शर्मा, विनोद सरदार, सुदीप ठाकुर, संजय स्वर्णकार, मनोज कुमार, सुनिल यादव, सागर कुमार, राय जवाहर, सुरेश यादव, हरिओम चौधरी, मनीष गुप्ता, मिलन गुप्ता, कुंदन भगत, संतोष गुप्ता, रामांशंकर तिवारी, मनोरंजन सिंह, रामपुकार सिंह, चंदन अग्रवाल मौजूद थे.
मधेपुरा में अटलजी के अस्थि कलश को पुष्पांजलि अर्पित करने जगह-जगह लगी समर्थकों की भीड़
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 25, 2018
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