
बताया जाता है कि मधेपुरा
में पहले तो एक अर्धविक्षिप्त महिला को हवस के दरिंदों ने अपने हवस का शिकार बनाया.
फिर जब स्थानीय लोगों की पहल पर उस महिला अल्पावास गृह भेजा गया तो सरकारी
लापरवाही के कारण भूख से तड़प कर महिला ने गँवा दी जान. लापरवाही की हालत ऐसी कि इस
पीड़ित महिला के सर में बलबलाती जूं ने शरीर का खून भी जमकर पिया.
बताया जाता है कि करीब
6 माह पूर्व अस्पताल के आसपास मंडरा रही थी ये महिला. स्थानीय लोगों तथा समाजसेवी शौकत
अली की पहल पर जिलाधिकारी ने महिला को सरकार व जिला प्रसाशन द्वारा संचालित महिला
अल्पावास गृह मधेपुरा में रखवाया था. इसी दौरान अल्पावास गृह में महिला बीमार हो
गयी और फिर देख-रेख व सही तरीके से खाने
पीने के अभाव के कारण बीमार हुई अर्धविक्षित महिला को बीती संध्या सदर अस्पताल
मधेपुरा में भर्ती कराया गया, जहाँ देर रात में ही महिला के प्राण-पखेरू उड़ गए.
सदर अस्पताल के चिकित्सक ने बताया कि महिला की
भूख से मौत हो गयी है. जब इस मामले में प्रभारी जिलाधिकारी अबरार अहमद कमर से पूछा
गया तो जिलाधिकारी कैमरे के सामने कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हुए. वहीँ जब एस.पी
मधेपुरा से संपर्क साधा गया तो पता चला कि वे मधेपुरा से बाहर हैं. कुल मिलकर जिला
प्रशासन इस मामले में पल्ला झाड़ रहें हैं. कोई भी अधिकारी कैमरे पर कुछ भी बोलने
को तैयार नहीं है. लेकिन सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ. विपिन कुमार खुद मान रहे हैं
कि महिला को ठीक से खाना-पीना नहीं मिला और उसकी देखरेख भी सही ढंग से नहीं हुई और
यही मौत की वजह बनी.
इस महिला के प्रति शुरू
से संवेदनशील रहे समाजसेवी शौकत अली कहते हैं कि पहले तो इसके हवस का शिकार होकर गर्भवती
होने की बात सामने आई थी और संभवत: इस महिला का बाद में अबॉर्शन करवा दिया गया था.
उन्होंने इसे मानसिक आरोग्यशाला कोइलवर भेजे जाने की मांग की थी, पर अब इसकी मौत से
उन्हें गहरा धक्का लगा है.
बहरहाल भूख से हुई
है महिला की मौत या फिर सरकार व जिला प्रसाशन के द्वारा संचालित महिला अल्पावास
गृह के संचालक की लापरवाही से, ये तो पूरी तरह से तब सामने आ सकेगा जब एक अबला की मौत
की सही तरीके से जांच कराई जायेगी.
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अर्धविक्षिप्त महिला की हुई भूख से मौत: पहले हुई थी हवस का शिकार?
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
June 20, 2015
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