...और जब सहरसा के एडीएम साहब की बोलेरो ही पकड़ा गई मधेपुरा में वाहन चेकिंग में: लॉ इज एवभ ऑल.

मधेपुरा में वाहन चेकिंग इनदिनों जोरों पर है. होना भी चाहिए, बिना समुचित कागजात के वाहन चलाना एम. वी. एक्ट की धाराओं में दंडनीय है. पर यदि अधिकारी की ही गाड़ी बिना समुचित कागजात के घूम रही हो तो क्या हो?
        मधेपुरा के समाहरणालय परिसर में लगी गाड़ियों की जांच जब आज मधेपुरा के परिवहन विभाग के द्वारा की गई तो सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि सहरसा के एक वरीय उप-समाहर्ता का बोर्ड लगा बोलेरो भी परिसर में बिना कागज़ के थी. मधेपुरा के एमवीआई (मोटर वेहिकल इन्स्पेक्टर) उपेन्द्र राउत ने नियम के अनुसार सख्ती बरतते हुए वरीय उप-समाहर्ता लिखी वाहन को भी जब्त कर लिया. ड्राइवर वाहन के आवश्यक कागजात लाने सहरसा चला गया. पर एमवीआई ने बताया कि बोलेरो गाड़ी (BR 19D 4684) देखने से प्राइवेट लगा पर इसका कॉमर्शियल यूज हो रहा है. गाड़ी की चाभी मैंने रख ली है. अब कागजात देखने के बाद ही फाइन निर्धारित किया जाएगा, लेकिन प्राइवेट दिखने वाले वाहन का कॉमर्शियल यूज का मामला है, कम से कम 5100/- फाइन लग सकते हैं.
        देखा जाय तो ये मधेपुरा के परिवहन विभाग का एक सराहनीय कदम है. अक्सर ऐसी परिस्थिति में वाहन पर अधिकारी के नाम की नेम प्लेट देखते ही वाहन जांच करने वाले अधिकारी उसे जाने दे देते हैं, पर आज के इस अनोखे वाकये से मानना पड़ेगा कि व्यक्ति चाहे कोई भी हो, लॉ इज एवभ ऑल (नियम हमेशा ऊपर होता है).
...और जब सहरसा के एडीएम साहब की बोलेरो ही पकड़ा गई मधेपुरा में वाहन चेकिंग में: लॉ इज एवभ ऑल. ...और जब सहरसा के एडीएम साहब की बोलेरो ही पकड़ा गई मधेपुरा में वाहन चेकिंग में: लॉ इज एवभ ऑल. Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on December 05, 2014 Rating: 5

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