|नि० सं०|05 दिसंबर 2014|
लोक सभा में अपने क्षेत्र समेत विभिन्न तरह के सवाल
पूछे जाने के लिए मधेपुरा के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव जाने जाते हैं.
एक ताजा प्रश्न में
सांसद ने भारत के विधि एवं न्याय मंत्री से यह पूछा कि क्या सरकार को यह विदित है
कि निचली अदालत के आदेश के विरूद्ध किसी अपील को खारिज करते समय उच्चतर न्यायालयों
द्वारा पर्याप्त कारण नहीं बताये जाते हैं. यदि हाँ, तो इसके कारण क्या हैं और यदि
सरकार का कोई ऐसा विचार है कि निचली अदालतों के आदेशों के विरूद्ध अपीलों को खारिज
करते समय उच्चतर न्यायलय पर्याप्त कारण बतावें.
गुरूवार
4 दिसंबर को भारत के विधि मंत्री सदानंद गौड़ा ने सांसद पप्पू यादव के द्वारा
उपर्युक्त अतारांकित प्रश्न संख्यां 1983 के उत्तर में कहा कि अपील न्यायालय
द्वारा सिविल और दांडिक दोनों मामलों में लिए गए विनिश्चयों के लिए कारण अभिलिखित
करने के लिए सुसंगत प्रावधान क्रमश: सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 और दंड
प्रक्रिया संहिता, 1973 में अंतर्विष्ट है. सरकार की यह अवधारित करने में कोई
भूमिका नहीं है कि अपील न्यायालय द्वारा निचले न्यायालय के आदेश के विरूद्ध अपील
खारिज करते समय दिए गए कारण पर्याप्त हैं या नहीं क्योंकि यह मामला न्यायपालिका के
अधिकार क्षेत्र में आता है.
संसद में सांसद: जब पप्पू यादव ने लोकसभा में न्यायिक प्रक्रिया पर उठाए सवाल
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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December 05, 2014
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