बरामद छात्रा के न्यायालय में बयान के साथ ही खत्म हुआ सस्पेंस: कहा, मैंने गलती की है, पापा के साथ जाना चाहती हूँ..
|वि० सं०|04 अगस्त 2014|
जिला मुख्यालय से 14 जुलाई से घर से निकली सपना (बदला नाम) ने
आज न्यायालय से सामने अपने साथ हुए घटना को बताकर इस मामले का पटाक्षेप कर दिया.
मधेपुरा पुलिस के द्वारा जब आज छात्रा को न्यायालय में दंड प्रक्रिया संहिता की
धारा 164 के तहत बयान देने के लिए प्रस्तुत किया तो उसने न्यायालय को बताया कि वह अकेले घर से निकली थी और दिल्ली पहुंचकर सोहेल से कॉन्टेक्ट किया और उसके पास गई. छात्रा के बयान के अनुसार सोहेल ने उसे वापस जाने को कहा था. सोहेल का बचाव करते
उसने कहा कि सोहेल की कोई गलती नहीं है.
न्यायालय
के सामने अपनी उम्र 16 वर्ष बताते हुए छात्रा ने यह स्वीकार किया कि उससे गलती हुई
है और वह अपने पापा के पास जाना चाहती है.
जाहिर
है छात्रा के बयान से दोनों परिवारों को राहत पहुंची है. उधर सोहेल को रिमांड कर
दिया गया है, पर माना जा रहा है कि छात्रा के बयान के आधार पर सोहेल और जेल काट
रहे उसके परिजनों को अब जल्द ही न्यायालय से जमानत मिल सकती है.
जहाँ तक छात्रा के न्यायालय में बयान की बात है तो माना जा सकता है कि उसने अपने बयान से
सोहेल को भी बचा लिया और खुद के परिवार को भी राहत देने की कोशिश की है. उधर आरोपी
सोहेल ने मधेपुरा टाइम्स को बताया कि इस घटना से उसे बदनामी के अलावे कुछ नहीं
मिला.
[हालांकि
मधेपुरा टाइम्स ने छात्रा और सोहेल से अलग-अलग विस्तार से बात की और घटना के पीछे
का सच जानने कि कोशिश की तो सच चौंकाने वाले थे, पर चूंकि मामला लड़की और परिवार की
इज्जत से जुड़ा है और पहले ही परिजनों की गलती के कारण इस मामले को काफी उछाला जा चुका
है इसलिए एक जिम्मेवार मीडिया होने के नाते हम इस मुद्दे पर बहुत कुछ कहना-सुनना
उचित नहीं समझते हैं. पर हाँ, ऐसे मामले जिले में कम हो, इसके लिए हम इन घटना के
कारणों और उपचार पर आगे कई एपिसोड्स लिखने जा रहे हैं, जिनमें हम इस तरह की घटना
में शामिल होने वाले लड़के-लड़कियों की मानसिकता और सबसे अधिक दोषी अभिभावकों की कौन
सी गलतियाँ ऐसी घटनाओं को बढ़ावा देती है, इस पर हमारा ध्यान रहेगा.]
फिलहाल
बीस दिन तक चले इस घटना के पटाक्षेप से मधेपुरा पुलिस सहित आम लोगों ने भी आज राहत
की सांस ली है.
बरामद छात्रा के न्यायालय में बयान के साथ ही खत्म हुआ सस्पेंस: कहा, मैंने गलती की है, पापा के साथ जाना चाहती हूँ..
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 04, 2014
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