जिला और प्रखंड के कई घूसखोर कर्मचारियों के तबादले से राहत

|वि० सं०|02 जुलाई 2013|
जिलाधिकारी के आदेश से वर्षों से जमे लगभग हाफ सेंचुरी कर्मचारियों के तबादले से बहुत से लोगों को तत्काल राहत महसूस हो रही है. वर्षों से एक ही कुर्सी से चिपके कई कर्मचारियों ने जिले में घूसखोरी का रिकॉर्ड तोड़ कर रख दिया था.
जिला और प्रखंड स्तर के कई कार्यालयों में घूस की दर इन कर्मचारियों ने तय कर रखी थी और काम कराने वहां पहुँच रहे लोगों को साफ़ शब्दों में कहते थे कि साहब को भी देना पड़ता है. किसी व्यक्ति ने यदि विरोध किया तो उसके काम में तकनीकी गडबड़ी लगा कर उससे कार्यालय के चक्कर लगवाते थे. किरानी की कमाई में छोटा सा हिस्सा पा रहे चपरासी दलाल की भूमिका सफलता पूर्वक निभाते पीड़ित को बड़े ही प्यार से (ऐसा प्यार इन्होने अपने बच्चों को भी नहीं किया होगा) समझाते थे कि बेकारे नै इत्ते दौड़े छिये, कत्ते खर्चा भई गेल ओई दिना से, ओई से कम में ते एत्ते दे के काम कराइ लेतिये. बदहवास पीड़ित यदि जनता दरबार जाने की धमकी देते तो इन्हें यह कहकर समझाया जाता, ओत्तो से त जांच ले एत्ते हमरे साहब लंग पीटीशन ऐते, साहबो खैते छे. ओई सब से कुछ नै हेते. बेकार ऐ सब फेर में पड़े छिये.
      बात पीडितों के समझ में आ जाती है और घूसखोरी का नंगा नाच जिले में चलता रहता है. इस बार के तबादले में लोगों को तबाह कर चुके कुछ कर्मचारियों के तबादले से भले ही लोगों को तत्काल राहत मिलती दीख रही हो, पर शायद इनके अरमानों पर पानी तब फिर जाय जब कई कार्यालयों में पहले से ज्यादा घूसखोर काबिज हो जायेंगे.
जिला और प्रखंड के कई घूसखोर कर्मचारियों के तबादले से राहत जिला और प्रखंड के कई घूसखोर कर्मचारियों के तबादले से राहत Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on July 02, 2013 Rating: 5

No comments:

Powered by Blogger.