|आर.एन.यादव |02 जुलाई 2013|
मधेपुरा के लोगों के साथ सरकार और जनप्रतिनिधियों ने
तो पहले ‘पशुवत’ व्यवहार कर उनके शरीर में कोढ़
पैदा कर दिया था, और अब ‘राष्ट्रीय राजनीति’ करने वाले सांसद शरद यादव के मधेपुरा के लोगों को रेलवे ने
नया ‘तोहफा’ दे दिया है जो ‘कोढ़ में खाज’ का काम करेगी.
सहरसा
से चलने वाली राज्यरानी एक्सप्रेस के मधेपुरा से ‘लिंक ट्रेन’ को 01 जुलाई (शरद यादव के 66वें जन्मदिन) के प्रभाव से बंद
कर दिया गया है. मतलब कि अब मधेपुरा के लोग राज्यरानी एक्सप्रेस को पकड़ने के लिए
बस, ऑटो, मैक्सी-टैक्सी आदि पर जानवर की तरह लदते-लटकते सहरसा की ओर कूच करेंगे.
इस मधेपुरा-सहरसा यात्रा के दौरान उनके कंधे पर बैग और उनकी जान हथेली पर रहा
करेगी.
बता दें
कि सहरसा ट्रेन पकड़ने के चक्कर में मधेपुरा के कई गणमान्य सहित अन्य लोग दुर्घटना
का शिकार होकर काल के गाल में समा चुके हैं. पर आमलोगों की मौत पर मीडिया के सामने
संवेदना जता कर चिकेन-बिरयानी’ खाने वाले मधेपुरा के ‘उद्धारक’ जनप्रतिनिधियों को क्या लेना ?
पर इस
नए ‘तोहफे’ से लोगों में आक्रोश तेजी से बढ़
रहा है और एक बार फिर वे आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं.
शरद यादव का ‘तोहफा’: एक और ट्रेन हुआ बंद, बढ़ेगी दुर्घटनाएं
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 02, 2013
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बिल्कुल सही कहा / आखिर मधेपुरा की जनता को इतनी भोली क्यों समझी जा रही है /मुझे लगता है कि अब अपना हक़ लड़ के ही लेना होगा /
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