जमीन अतिक्रमण के विरोध के कारण हो रहा है न्यास का
विरोध
सिंघेश्वर मंदिर न्यास समिति में कुछ साल पूर्व तक सबकुछ
ठीक-ठाक चल रहा था. कारण बहुत ही महत्वपूर्ण है. तथाकथित धर्म के ठेकेदारों ने यहाँ
लूट मचा रखा रखा था और कुछ विरोध करने वाले ताकतवर लोगों को भी वे खिलापिलाकर
संतुष्ट कर रहे थे. चौंकाने वाली बात यह है कि सिंघेश्वर मंदिर ट्रस्ट की काफी
जमीन पर बहुत से लोगों ने अवैध कब्ज़ा कर रखा है. ये अवैध कब्ज़ा पूर्व में हुए और तत्कालीन
न्यास प्रशासन आँख मूंदे रहा तो उस समय तक न्यास इन पापी अतिक्रमणकारियों की आखों
के तारे बने रहे.
पर
हाल में जब न्यास ने इन अतिक्रमणकारियों की एक सूची तैयार की और इनसे मंदिर की
जमीन मुक्त कराने के लिए अंचलाधिकारी और सिंघेश्वर के थानाध्यक्ष को लिखा तो धर्म
को पैदा करने का दावा करने वाले धर्म के ठेकेदारों की त्यौरियां चढ़ गयी. अवैध
कब्जाधारियों की पकड़ इतनी मजबूत है और इन्हें ऐसे सफेदपोश लोगों का शह प्राप्त है
कि जमीन खाली कराना एक दुरूह काम बन चुका है. हालांकि सिंघेश्वर मंदिर न्यास समिति
के सचिव एसडीओ संजय कुमार निराला इस मामले पर काफी गंभीर दीखते हैं. उन्होंने
वर्तमान व्यवस्थापक के पत्र के आलोक में सिंघेश्वर अंचलाधिकारी को मंदिर की जमीन
की नापी कराने को कहा है ताकि अगली कार्यवाही की जा सके.
पर
पुरानी मापी के आधार पर न्यास ने जो मंदिर की जमीन के अतिक्रमणकारियों की सूची
तैयार की है उनमें कुछ लोग अपनी पहुँच ऊपर तक होने का दावा करते हैं. इसमें लगभग
साठ लोग ऐसे हैं जिन्होंने बिना किसी आदेश के जबरन मंदिर की जमीन पर कब्ज़ा कर रखा
है. इनमें से मणिकांत गोस्वामी नाम के एक व्यक्ति ने अकेले ही करीब सात कट्ठा जमीन
झटक रखा है. इसके अलावे श्रीकांत मिश्रा पर एक कट्ठा दो धूर, बिन्देश्वरी झा पर एक
कट्ठा बारह धूर, सुरेन्द्र प्रसाद यादव पर एक कट्ठा तेरह धूर, राजेन्द्र मोदी पर एक
कट्ठा अठारह धूर, बासुदेव भगत पर एक कट्ठा चार धूर, बासुदेव यादव पर दो कट्ठा दो
धूर, ललन महतो पर दो कट्ठा बारह धूर,
भूपेंद्र झा पर एक कट्ठा दस धूर, बच्चा झा पर
दो कट्ठा दो धूर जमीन अतिक्रमण करने के आरोप हैं. इसके अलावे और भी कई नाम हैं
जिन्होंने बाबा सिंघेश्वर नाथ मंदिर की जमीन को जबरन अपने कब्जे में ले रखा है. और
अब जब अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्यवाही शुरू हुई है तो इन माफियाओं ने न्यास
समिति के व्यवस्थापक महेश्वर सिंह की ही जमीन उखाड़ देने की मुहीम ही चला रखी है.
हालांकि
अब ट्रस्ट की ओर से बिहार धार्मिक न्यास परिषद के अध्यक्ष किशोर कुणाल और
सिंघेश्वर मंदिर न्यास समिति के अध्यक्ष रिटायर्ड जस्टिस एस सी मुखर्जी से इन
अतिक्रमणकारियों को हटाने के सम्बन्ध में दिशानिर्देश लिया जा रहा है.
पर
सूत्रों का मानना है कि तथाकथित धर्म के ठेकेदारों द्वारा समर्थित बाबा की जमीन को
भोग रहे ये अतिक्रमणकारी जमीन बचाने के लिए कुछ भी कर गुजरने को आमादा हैं और अगर शकुनी
की तरह यदि ये अपनी चाल में सफल हो जाते हैं तो कहा जा सकता है कि बाबा के दरबार
में भी अँधेरा कायम रहेगा. (क्रमश:)
धर्मस्थल सिंघेश्वर में धर्म के ठेकेदारों ने ही किया पाप (भाग-2)
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 13, 2012
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