दशमी के साथ ही आज दुर्गापूजा का औपचारिक रूप से
समापन हो गया. हालांकि समाचार लिखे जाने तक विभिन्न मंदिरों व इनके आसपास लोगों की
भीड़ लगी हुई थी. मूर्ति विसर्जन का कार्यक्रम कहीं आज रात तो कहीं कल होने की बात
है.
जिले
भर में जहाँ दशहरे का पर्व धूमधाम से श्रद्धा के साथ मनाया गया वहीं जिला
मुख्यालय
में उमड़ी भीड़ ने आज सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. आज जहाँ अंतिम दिन मेला देखने आसपास के
इलाकों से भी बड़ी मात्रा में लोग मधेपुरा शहर आये थे वहीं दौराम मधेपुरा रेलवे
स्टेशन के पास भिरखी दुर्गा मंदिर के द्वारा आयोजित रावण दहन विजयादशमी का मुख्य
आकर्षण रहा.

रावण
दहन में उमड़ी भीड़ उस
समय जोश से भर उठी जब रावण धू-धू कर जलने लगा. पटाखों से जहाँ
आसमान सितारों सा चमक रहा था वहीं जलते रावण को देखकर अधिकाँश किशोरवय लड़के
किलकारियां मार रहे थे और तालियाँ बजा रहे थे, भले ही उन्हें रावण के जलने का अर्थ
बुराई पर अच्छाई और असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक स्मरण में नहीं था. वे मात्र यहाँ मनोरंजन के
उद्येश्य से पधारे हुए थे.
रावण
दहन के दौरान छोटे से जगह पर अत्यधिक भीड़ के कारण भगदड़ की स्थिति बनी रही पर
मधेपुरा के थानाध्यक्ष नवीन कुमार सिंह की मुस्तैदी से स्थिति पर अंत तक पुलिस का
नियंत्रण बना रहा.
विजयादशमी रहा शांतिपूर्ण: धू-धू कर जल उठा रावण
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
October 24, 2012
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