लाश थी इसलिए तैरती रह गई, डूबने के लिए जिंदगी चाहिए: मानवता शर्मशार, सुबह से शाम तक नवजात की लाश तैरती रही नाले में

|मुरारी कुमार सिंह|25 मई 2014|
लाश थी,
इसलिए
तैरती रह गई,
डूबने के लिए
जिंदगी चाहिए...

    माँ की ममता सुबह से नाले में तैर रही है, मानवीय संवेदना आज मधेपुरा में तार-तार दिखी. मधेपुरा नगर परिषद् क्षेत्र के वार्ड नं. 13, मस्जिद चौक के निकट आज सुबह एक नाली में एक नवजात की लाश मिलने के बाद भले ही तरह-तरह कि चर्चाएं करने में लोग आगे हों, पर देर शाम तक मासूम की लाश उसी तरह नाले में पड़ी रही.
      आसपास के कई लोगों ने बताया कि नवजात की लाश होने की सूचना नगर परिषद के वार्ड पार्षद के साथ-साथ पुलिस को भी दे दी गई थी, पर उस लाश को वहाँ से हटाने की पहल करने की जरूरत किसी ने भी नहीं समझी. कुछ लोगों ने सफाई करने वाले को अलग से बुलाया, पर उसने कुछ रूपये की मांग कर दी और फिर लाश यूं ही तार रही है. दूसरी तरफ कुत्ते इसे नोंच खाने की ताक में हैं
      अधिकाँश लोगों का अंदाजा है कि ये मादा होने या फिर नाजायज होने की वजह से नाले में फेंक दिया गया है.
      यदि ये लड़की होने से फेंका गया है तो सवाल उठता है कि जब व्यक्ति को माँ से इतना प्यार हो सकता है तो बेटी से इतनी नफरत क्यूं, कल किसी की माँ बनने का उसका अधिकार क्यों छीन लिया गया ? और यदि किसी की गलती से ये नाजायज हुआ है तो फिर नाजायज ये नहीं, बल्कि इसे जन्म देने वाले नाजायज हैं.
      जो भी हो, बच्ची की लाश भले की शांत तैरती दिख रही है, पर ये चीख-चीख कर मानव जाति के गिरे हुए चरित्र की दास्ताँ कह रही है.
ऐसे में मधेपुरा की कवियित्री डा० शांति यादव की प्रसिद्ध कविता रिहाई की कुछ पंक्तियाँ याद आती है, जो इस तरह है-
मैं खुश थी
लो अब तितली बन
बाहर की दुनियां में उडती फिरुंगी !
पर ये क्या
मुझपर धुंध क्यों छाने लगी ?
आँखें मुंदी जा रही हैं
मेरी मुट्ठियां क्यों नहीं बंध रही ?
मेरा दम क्यों घुटा जा रहा है !
मां !
पापा........
दीदी........
दादी........
कोई तो मुझे संभालो !
मैं तो कवच के अंदर हूँ
फिर भी मुझे ये क्या हो रहा है......
मां......
और अगले ही क्षण
भ्रूण
मांस के लोथड़े में तब्दील था.
लाश थी इसलिए तैरती रह गई, डूबने के लिए जिंदगी चाहिए: मानवता शर्मशार, सुबह से शाम तक नवजात की लाश तैरती रही नाले में लाश थी इसलिए तैरती रह गई, डूबने के लिए जिंदगी चाहिए: मानवता शर्मशार, सुबह से शाम तक नवजात की लाश तैरती रही नाले में Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on May 25, 2014 Rating: 5

No comments:

Powered by Blogger.