पुलिस नाम की संस्था समाज में विधि व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए स्थापित की गयी है. मगर वही पुलिस अमानवीय व्यवहार करे तो क्या कहेंगे ? पूर्णियां
में बिहार पुलिस की ऐसी तस्वीर सामने आई
है जो आपको हैरान कर देगी.
एक घायल आदमी के साथ जानवरों जैसा व्यवहार किया है जिसने पूरे पुलिस डिपार्टमेंट को शर्मशार कर दिया है. दरअसल रविवार को दयानंद चौधरी नामके एक शख्स का पैर ट्रेन से कट गया था. रेल पुलिस ने आनन् फानन में
इसे लेकर पूर्णिया सदर अस्पताल में भर्ती करवा दिया.
मरीज दयानंद खून से लथपथ था और दर्द से कराह भी रहा था, मगर न जाने इसके मन में क्या आया वो अस्पताल से डॉक्टर की इजाजत के बगैर बाहर निकल गया.
जब इस बात की खबर पुलिस को लगी तो पुलिस कर्मियों ने इसे अपनी तौहीन
समझी. पुलिस, जख्मी दयानंद की तलाश में निकल पड़ी और सदर अस्पताल से कुछ ही दूरी पर पंचमुखी
हनुमान मंदिर के पास दयानंद इन्हें मिल गया.
अब देखिए समाज के रक्षक की करतूत. दयानंद के पैर से तभी भी खून बह रहा था लेकिन पुलिस कर्मियों ने इसकी परवाह किये
बगैर दयानंद को रस्सियों में जकड लिया. हाथ-पैर पूरी तरह से बाँध दिए गए
ताकि यह हिल भी नहीं सके.
एक तो दयानंद ने दुर्घटना में खुद को जख्मी कर
डाला फिर रही सही कसर पुलिस ने अपराधियों सा सलूक कर इसके जख्मों पर नमक डाल
दिया. जख्मी दयानंद को कुछ इस तरह से ऑटो में डाल दिया गया जैसे किसी मरीज
को नहीं बल्कि किसी जानवर को ले जा रहे हों. दयानंद के इसके परिजन रोते बिलखते रहे लेकिन किसी ने इसकी नहीं सुनी.
[Shamefull action of Purnea Police]
[Shamefull action of Purnea Police]
पूर्णियां में पुलिस की शर्मनाक करतूत
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
October 23, 2013
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