हत्यारोपी दारोगा आखिर पहुंचा सलाखों के पीछे: न बचे कसूरवार-4

पुलिस हिरासत में हत्यारोपी दारोगा
कहाँ से चले थे (शादी की तस्वीर )
 |वि० सं०|23 अक्टूबर 2013|
अभिलाषा की हत्या का आरोपी दारोगा पति आखिरकार पहुंच ही गया सलाखों के पीछे. पुलिस की ढिलाई काम न आई और दवाब के कारण निलंबित दारोगा द्रवेश कुमार ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया. मधेपुरा (भर्राही) थाना कांड संख्यां 559/2013 में आरोपी दारोगा की ओर से मधेपुरा न्यायालय में सीजेएम की कोर्ट में जमानत के लिए भी आवेदन दाखिल किया, जिसे खारीज करते हुए सीजेएम कृष्ण बिहारी पांडेय ने निलंबित दारोगा को जेल भेज दिया.
      न्यायालय के समक्ष दाखिल जमानत आवेदन में मृतका के पति द्रवेश कुमार ने मृतका के परिजनों पर आरोप लगाया कि उसे ब्लैकमेल करने के लिए फंसाया गया है. आवेदन में पत्नी की मौत का कारण द्रवेश ने कहा है कि उसका दाम्पत्य जीवन सुखद था, पर अभिलाषा को बेटा न होकर बेटी होने के बाद उसके माँ-पिता उसपर व्यंग करते थे, जिससे अभिलाषा डिप्रेशन में रहती थी. इसी वजह से उसने आत्महत्या कर ली.
      ये अलग बात है कि जिस समय निलंबित दारोगा जेल जा रहे थे उस समय मृतका अभिलाषा के पिता महेंद्र नारायण यादव द्रवेश-अभिलाषा की 9 महीने की बेटी सच्ची की बीमारी का इलाज कराने उसे लेकर पटना में थे. जमानत आवेदन में बेटी होने पर नाना-नानी द्वारा कटाक्ष पूरी तरह से हास्यास्पद लगता है. क्योंकि हमारे समाज में बेटी होने पर तनाव लड़की के ससुराल वालों को होती है, मैके वालों को नहीं. वैसे भी यदि अभिलाषा के माता-पिता यदि बेटी विरोधी होते तो अभिलाषा की शादी ऐरे-गैरे से कर देते, बड़ा खर्च करके बेटी के लिए दारोगा वर न ढूंढते. और साथ ही वे मामूली शिक्षक होकर अपनी दूसरी बेटी को पटना में रखकर शिक्षा न देते.
      जो भी हो, 23 दिन के बाद ही सही, पत्नीहंता का आरोपी दारोगा के क़ानून के शिकंजे में आने से कभी न जागने वाली मौत की नींद में सो जाने वाली अभिलाषा की आत्मा को आज कुछ ठंढक जरूर पहुंची होगी. (क्रमश:)
[SI Drawesh Kumar Accused  of Killing his Wife went behind prison]
हत्यारोपी दारोगा आखिर पहुंचा सलाखों के पीछे: न बचे कसूरवार-4 हत्यारोपी दारोगा आखिर पहुंचा सलाखों के पीछे: न बचे कसूरवार-4 Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on October 23, 2013 Rating: 5

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