|मुरारी कुमार सिंह|23 अक्टूबर 2013|
कहते हैं संबंधों के मामले में माँ की ममता से बढ़कर
दुनियां में कुछ नहीं है. पर यहाँ एक बात उल्लेखनीय है कि माँ की ममता अधिकाँश
सिर्फ अपने बच्चे तक ही सीमित रहती है. पर यदि किसी माँ की ममता न सिर्फ दूसरे
बच्चे के प्रति हो बल्कि किसी ऐसे पशु और उसके बच्चे के प्रति दिखाई दे, जिसका
ख्याल उस पशु के मालिक को भी नहीं हो, तो इसे किस असीमित ममता का नाम देंगे ?
मधेपुरा
जिला मुख्यालय के जिला अतिथिगृह के पास जब वार्ड नं. 16 की रहने वाली मीरा देवी ने
जब एक गाय को बच्चा जनते देखा, और यह भी देखा कि कोई इस गाय को देखने वाला नहीं
है, तो मीरा की ममता जाग उठी. उसने एक बोरा लाकर न सिर्फ गाय के बच्चे को जन्म
दिलाने में मदद शुरू की बल्कि जन्म के बाद से भी उनकी सेवा में लगी है. दूसरी तरफ
गाय मालिक अब तक बेखबर हैं. हीरा कहती है कि बच्चा किसी का हो, माँ जब उसे गर्भ
में पालती है तो उसका सपना होता है कि उसका बच्चा स्वस्थ और सुन्दर जन्म ले. ऐसे
में इस गाय को यूंही छोड़ देने से बछड़े को कुछ भी हो सकता था.
यहाँ
मनुष्य के दो रूप दिखते हैं. एक गाय मालिक है जो सब दिन इस गाय के दूध को खाकर स्वास्थ्य
बनाते हैं या फिर दूध बेचकर पैसे कमाते हैं. पर जब उनकी गाय गर्भवती हुई तो
उन्होंने इसका ख्याल नहीं रखा. संवेदनहीनता का ये पहला नमूना है जबकि संवेदनशीलता
का एक अद्भुत नमूना पेश कर रही है मीरा देवी, ये जानते हुए भी कि मालिक कहीं से आ
टपकेगा और गाय व बच्चे को लेकर चला जाएगा.
[Affection and sensitivity of a Woman in Madhepura]
[Affection and sensitivity of a Woman in Madhepura]
औरत की ममता का एक अद्भुत नमूना
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
October 23, 2013
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