|राजीव रंजन/मुरारी कुमार सिंह|30 सितम्बर 2013|
आज शाम जिले के भर्राही ओपी में पदस्थापित दारोगा की
पत्नी ने आत्महत्या नहीं की बल्कि उसे दारोगा ने ही गोली मारकर मौत की नींद सुला दिया.
ऐसा दावा है मृतका अभिलाषा उर्फ सपना की
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| लाश को देखते एसपी |
माँ का और उसके पिता शिक्षक महेंद्र प्रसाद
यादव यादव का. अभिलाषा की मौत की जानकारी जैसे ही परिजनों को मिली अस्पताल में भीड़
लग गई. माँ ने रो-रोकर कहा कि उनकी बेटी ने आत्महत्या नहीं किया है बल्कि उसे उसके
पति एसआई द्रवेश कुमार ने गोली मार दी है.
जिले के
कुमारखंड थाना के केवटगामा निवासी पिता महेंद्र यादव ने बताया कि शादी के बाद से
ही द्रवेश कुमार छोटी छोटी बात पर
उसकी बेटी के साथ मारपीट किया करता था. इधर उसने एक फोरव्हीलर की भी मांग की थी जिसको उन्होंने अपने रिटायरमेंट के बाद देने का वादा किया था.
उसकी बेटी के साथ मारपीट किया करता था. इधर उसने एक फोरव्हीलर की भी मांग की थी जिसको उन्होंने अपने रिटायरमेंट के बाद देने का वादा किया था.
एक नौ महीने की बेटी भी है.
पुलिस
अधीक्षक सौरभ कुमार शाह ने कहा कि अभिलाषा को द्रवेश के सर्विस रिवॉल्वर से गोली
लगी है और इसमें प्रयोग में लाये सर्विस रिवॉल्वर को जब्त कर लिया गया है. परिजनों
के द्वारा हत्या के आरोप के मद्देनजर मृतका के पोस्टमार्टम के साथ ही रिवॉल्वर पर
के फिंगर प्रिंट की भी जांच कराई जायेगी.
ऐसे भी बनती है हत्या की आशंका: रिवॉल्वर पर के फिंगर
प्रिंट की जांच एक महत्वपूर्ण सबूत हो सकता है. लेकिन साथ ही जानकारों के मुताबिक़ इस मौत में कुछ ऐसे
तथ्य भी हैं जो इस मौत की वजह आत्महत्या नहीं हत्या बता रही है.
- गोली बाईं तरफ कनपट्टी के बगल में सर में लगी बताई जा रही है. परिजनों का कहना था कि अभिलाषा दाहिने हाथ का अधिक प्रयोग करती थी. ऐसे में जब भी कोई अपने सर में गोली मारेगा तो आमतौर पर वह रिवॉल्वर दाहिने तरफ ही सटा कर फायर करेगा.
- प्वाइंट ब्लैंक रेंज थ्योरी: पुलिस को मिले ऐसे रिवाल्वर से सामान्यतया जब सटा कर गोली मारी जायेगी तो गोली सर के आरपार होना मुश्किल है, वो सर के अंदर ही फंसी रह जायेगी. यदि गोली थोरी दूरी से चलाई जाय तो उसमे फ्री स्पेस में एक गति आ जाती है जो सर को भेदते हुए पार हो जाती है, जैसा इस मामले में डॉक्टर ने बताया कि गोली सर के आरपार हो गई.
- बिना जानकारी और ताकत के रिवाल्वर से गोली चलाना मुश्किल है, चूंकि इसमें फायर करने से पहले पिछले हिस्से के कड़े स्प्रिंग को चढाना होता है जो एक आवेश में आ चुकी महिला के थरथराते हाथ से कठिन है.
- कोई भी व्यक्ति आत्महत्या तब ही करता है जब वह अत्यधिक तनाव में आ जाए. यदि पति-पत्नी में कोई बड़ा झगडा हुआ था तो फिर रिवॉल्वर छोड़कर दारोगा उस वक्त कहाँ चले गए थे ?
- महिला अक्सर आत्महत्या के लिए जहर खाने या शरीर में आग लगाने का रास्ता चुनती है, गोली मारने का नहीं.
इसके अलावे अब और भी बातें सुनने
को मिलने लगी है. पर पूरा सच पुलिस के अग्रिम जांच और वैज्ञानिक अनुसंधान के बाद
ही संभव हो पायेगा. फिलवक्त मृतका के माता-पिता के बयान के आधार पर आरोपी दारोगा
का निलंबन और उसपर हत्या का मुकदमा तो चलना ही चाहिए.
जो भी हो, अब माँ-बाप का ही नहीं बल्कि अभिलाषा उर्फ सपना
के जाने से पूरे परिवार का सपना टूट कर बिखर चुका है, पर मृतका की माँ के अनुसार दरोगा को सजा मिलने से उनकी आत्मा को शान्ति मिलेगी.
दारोगा ने ही गोली मारकर मौत की नींद सुला दिया पत्नी को !
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 30, 2013
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