मधेपुरा में एक नहीं सैंकड़ों हर्षद: मनरेगा में सिर्फ और सिर्फ लूट

 |वि० सं०|01 सितम्बर 2013|
मनरेगा योजना में शामिल मधेपुरा के ठेकेदारों, पीआरएस और दलालों की कहानी सुनकर हर्षद मेहता भी शर्म से जमीन में गड जायेंगे. प्रशासन खामोश है और इससे ऐसा ही लगता है कि लूट में अधिकारी भी माल काट रहे हैं.
      मनरेगा पर आयोजित विशेष लोक अदालत में जब इस योजना के पीड़ित पहुंचे तो उन्होंने अपने साथ हुए धोखाधड़ी की भी बात उठाई. झल्लू बाबू स्वयं सहायता समूह सभा भवन, डीआरडीए, मधेपुरा में उमड़ी भीड़ ने अपना पासबुक दिखाते हुए कहा कि उनके पासबुक से उन्होंने नहीं बल्कि दलालों ने रूपये निकाल लिए हैं.
      मुरहो पंचायत के कई पीडितों ने कहा कि लेबर और ठीकेदार चुनचुन यादव आदि ने धोखे से उनका पासबुक लेकर उनके सारे रूपये निकाल लिए. यही नहीं एक मजदूर की मृत्यु हो जाने पर उसके विधवा तक से पासबुक लेकर मनरेगा के दलालों ने रूपये निकाल लिए. कई अन्य पंचायतों से भी इसी तरह की शिकायतें मिली.

दलाल और लुटेरे भी आये थे डीआरडीए: सबसे हैरत की बात तो ये रही कि कल डीआरडीए विभिन्न पंचायतों से मनरेगा योजना से जुड़े दलाल, ठीकेदार आदि भी पहुंचे थे और मीडियाकर्मियों को मैनेज करने में लगे थे. कई दलालों ने मधेपुरा टाइम्स को ये समझाने का प्रयास भी किया कि मनरेगा में सारा काम एक नंबर हो रहा है, वैसे कहियेगा तो आपको भी मिठाई खाने के लिए कुछ दिलवा देते हैं.
      एक पीड़ित के न्यायिक पदाधिकारी के पास शिकायत करने पर सम्बंधित मुखिया ने पीड़ित के साथ हाथापाई तक कर डाली, पर बाद में जब मुखिया को गिरफ्तार करवाने कि बात आई तो मुखिया जी गिडगिडाने लगे.
      मनरेगा से जुड़े एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि यदि ठीक से जांच हो जाए तो इससे जुड़े सारे लोग जेल चले जायेंगे, क्योंकि मनरेगा में होता रहा है लूट और सिर्फ लूट.
मधेपुरा में एक नहीं सैंकड़ों हर्षद: मनरेगा में सिर्फ और सिर्फ लूट मधेपुरा में एक नहीं सैंकड़ों हर्षद: मनरेगा में सिर्फ और सिर्फ लूट Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on September 01, 2013 Rating: 5

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