सीने से बेवफा बीबी की तस्वीर लगाये दर-दर भटक रहा

(25 जनवरी 2013)
प्यार और बेवफाई के किस्से भी अजीब होते हैं. अंतर्वैवाहिक संबंधों में कहीं पति पत्नी से पीछा छुड़ाना चाहता है तो कहीं पत्नी पति से. बिना यह देखे कि जो जीवनसाथी उसे पहले मिला है वो भी उसे कितना चाहता है.
      मधेपुरा प्रखंड के मुरहो निवासी चंदेश्वरी ऋषिदेव को बीबी की बेवफाई रास नहीं आई. उसे समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर जब वह अपनी पत्नी को इतना प्यार करता था तो फिर उपरवाले ने उसे चंदेश्वरी से छीन कर किसी और के घर की शोभा क्यों बना दी ? पत्नी शोभा अब अपने मायके के अर्जुन यादव के घर की शोभा है. चंदेश्वरी का तो आरोप है कि अर्जुन उसकी पत्नी, उसकी दो बेटियां जिसकी उम्र क्रमश: 15 वर्ष और 10 वर्ष है और एक बेटे को जबरन अपने घर में रखा था. बेटा तो किसी तरह वहां से भाग कर चंदेश्वरी के पास आ गया पर पत्नी और बेटियों के अर्जुन के घर में रहने से चंदेश्वरी की दुनियां ही उजड गई लगती है. बीबी की तस्वीर सीने से लगाये चंदेश्वरी पहले तो गाँव-समाज के ठेकेदारों के पास बीबी की वापसी के गुहार लगता रहा पर जब नतीजा ढाक के तीन पात हो गया तो अब उसने जिले के पुलिस अधीक्षक की चौखट पर कदम रखा है.
      पर पुलिस में आने पर भी चंदेश्वरी अपनी बीबी-बच्चों को पा सकेगा, इसमें संदेह ही है. एसपी सौरभ कुमार शाह इस मामले पर नियमानुसार कहते हैं कि मामला दर्ज कर चंदेश्वरी की पत्नी का न्यायालय में बयान करवा कर यह देखा जाएगा कि वह किसके साथ रहना चाहती है. उस आधार पर ही निर्णय लिया जाएगा.
      गाँव के लोग कहते हैं कि शोभा अर्जुन के प्यार में गिरफ्तार होकर ही उसके घर में रह रही है. अब देखना है कि शोभा चंदेश्वरी की हो पाती है या फिर अर्जुन के तीर से घायल शोभा अर्जुन की ही होकर रह जाती है और चंदेश्वरी पत्नी की तस्वीर सीने से लगाये जीवन भर भटकते रह जाता है.
(आर.एन.यादव)
सीने से बेवफा बीबी की तस्वीर लगाये दर-दर भटक रहा सीने से बेवफा बीबी की तस्वीर लगाये दर-दर भटक रहा Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on January 25, 2013 Rating: 5

2 comments:

  1. सुशासन में ऐसे प्रकरण रोज सुनने में आ रहें हैं। पहले तो ऐसी औरतें को बरगलाया जाता था जिनके पति पंजाब वगैरह कमाने के लिए जाते थे। परन्तु इस प्रकरण में तो एक दबंग ने खुले आम इस तरह का दुस्साहस किया है, क्योंकि उसे पता है की जनता दरबार आदि का चोंचला सिर्फ जनता को मुर्ख बनाने के लिए है, कभी कोई कार्यवाई नहीं होती। और जब थानेदार ही जेब में हो तो पुलिस अधीक्षक बयान सुनने के अलावे कर ही क्या सकते हैं। गौरतलब है की यह सब सुशासन में सबसे महत्वपूर्ण तपका 'महादलित' के साथ हो रहा है। जय सुशासन की।

    ReplyDelete
  2. सुशासन में ऐसे प्रकरण रोज सुनने में आ रहें हैं। पहले तो ऐसी औरतें को बरगलाया जाता था जिनके पति पंजाब वगैरह कमाने के लिए जाते थे। परन्तु इस प्रकरण में तो एक दबंग ने खुले आम इस तरह का दुस्साहस किया है, क्योंकि उसे पता है की जनता दरबार आदि का चोंचला सिर्फ जनता को मुर्ख बनाने के लिए है, कभी कोई कार्यवाई नहीं होती। और जब थानेदार ही जेब में हो तो पुलिस अधीक्षक बयान सुनने के अलावे कर ही क्या सकते हैं। गौरतलब है की यह सब सुशासन में सबसे महत्वपूर्ण तपका 'महादलित' के साथ हो रहा है। जय सुशासन की।

    ReplyDelete

Powered by Blogger.