सामान्यतः हम सभी तीन पीढ़ियों के साथ जीते हैं. वृद्धजन डूबते सूरज का तो बच्चे उगते सूरज का प्रतीक है. पर्व के जरिए संदेश दिया जाता है कि पहले वृद्ध जनों की आवश्यकताएं पूरी करनी चाहिए फिर बच्चों का ख्याल रखना चाहिए. परिवार और समाज के कल्याण हेतु ऐसे सद्विचार को चर्चित रंगकर्मी और नाट्य निदेशक विकास कुमार के द्वारा निर्देशित नृत्य नाटिका को सृजन दर्पण के उर्जावान रंगकर्मियों ने मार्मिकता के साथ अपने अभिनय के जरिए दर्शकों तक पहुंचाया. इसमें रंगकर्मी निखिल कुमार, हिमांशु कुमार, शिवम् कुमार, बिकास कुमार, स्नेहा कुमारी, मौशम कुमारी, प्रियंका कुमारी, आंचल कुमारी, चाहता कुमारी, पुजा कुमारी, संध्या कुमारी, स्वेता कुमारी और दिव्या कुमारी शामिल थे.
रंगकर्मियों के बेहतरीन मंचन को मौजूद दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से ख़ूब सराहना किया. प्रस्तुति को सफल बनाने में संस्था के सदस्य सुरेश कुमार शशि, आनंद विजय, कुन्दन कुमार, संतोष कुमार, रजनी कुमारी आदि ने अहम भूमिका निभाई.
No comments: