मौत के बाद बुधवार को विश्वविद्यालय मुख्यालय कर्मचारियों का आक्रोश फूट पड़ा। मृतक के शव को विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर रखकर कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
गौरतलब हो कि बीएनएमयू के कर्मचारी 20 दिनों से हड़ताल पर हैं। हड़ताल के दौरान ही राज्य सरकार के उच्च शिक्षा निदेशक ने 4 नवंबर को एक पत्र जारी किया। जिसमें कुलसचिव को निर्देश दिया गया है कि विश्वविद्यालय के पीजी विभागों में कार्यरत 42 कर्मचारियों को कार्यमुक्त किया जाए। जिसके कारण कई कर्मचारियों की स्थिति बिगड़ने लगी है। विश्वविद्यालय मुख्यालय कर्मचारी संघ के सचिव अखिलेश्वर नारायण ने बताया कि पत्र जारी होने के बाद 2 कर्मचारी अस्पताल में भर्ती है। वहीं कुलानुशासक कार्यालय में कार्यरत जनेश्वरी यादव की मौत हो गई है।
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