घटना के संबंध में बताया जाता है कि आज से कुछ दिन पहले चौसा बाजार अवस्थित दुर्गा मंदिर परिसर में एक विशाल पीपल का पेड़ है और यह बहुत पुराना है. पेड़ बीचो बीच पुराना होने की वजह से खोखला हो गया है. इस पेड़ के नीचे श्रद्धालु पूजा करते हैं, संध्या में दीप जलाते हैं. कुछ दिन पहले दीप जलने की वजह से ही पीपल के बीच बने खोह में आग लग गई. आग लगने की घटना भी रात्रि में ही हुई थी जिससे आसपास के लोगों को जानकारी मिलते ही काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका था. लेकिन पेड़ पुराना होने और आग लगने से और भी कमजोर हो गया था. आसपास के लोग अक्सर कहते नजर आते थे कि यह कभी गिर जाएगा और बड़ा हादसा हो सकता है. आखिर वही हुआ, बीती रात में पीपल का एक बहुत बड़ा डाल पास बने एक चाय की दुकान पर जा गिरा.
गनीमत यही रही कि रात्रि का वक्त था, नहीं तो कई लोगों की जानें जा सकती थी. पेड़ गिरने से सड़क बाधित हुआ जिस के बाद सुबह मंदिर समिति के सदस्यों को जानकारी दी गई. जिसके बाद गिरे हुए डाल को काटकर हटाया गया. हालांकि लोगों का कहना था इस पेड़ को हटाकर पूजा के लिए नया पेड़ यहां पर स्थापित किया जाए. यह अभी भी खतरा बन हुआ है. कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है जिसके बाद मंदिर समिति के अध्यक्ष अनिल कुमार मुनक ने कहा कि समिति के द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि जो भी डाल नुकसानदायक है उसे काट के हटाने का निर्णय लिया गया. उधर चाय दुकानदार सिंटू कुमार मोदी ने अंचलाधिकारी राकेश कुमार सिंह से आपदा के तहत मुआवजे की मांग की है. दूकान में रखे फ्रीज बर्तन दुकान समेत करीब 90000 रूपये के नुकसान की बात कही जा रही है।
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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August 12, 2022
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