आज से मुरलीगंज प्रखंड कार्यालय परिसर के सभा भवन के पास बिस्कोमान के डीएपी यूरिया के लिए काटी जा रही है पर्ची. मुरलीगंज प्रखंड में यूरिया की किल्लत बरकरार है. इस कारण किसानों की परेशानी बढ़ गई है. बिस्कोमान पिछले एक सप्ताह से अधिक समय से यूरिया वितरण कर रहा है, लेकिन खाद लेने के लिए किसानों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. घर का चूल्हा-चौका छोड़ महिलाएं सुबह से ही खाद लेने के लिए कतार में खड़ी नजर आती हैं.
26 जनवरी से ही डीएपी के लिए भी मुरलीगंज के बिस्कोमान भवन में अफरा-तफरी का माहौल था. किसान एक दूसरे से मारपीट पर उतारू हो जाते थे. साथ में बिस्कोमान प्रबंधक एवं अन्य कर्मचारियों के साथ भी मारपीट पर पिछले दिनों उतारू हो गए.
रबी फसलों की समय पर सिंचाई तो कर दिए. अब यूरिया के लिए भटक रहे हैं. यदि समय पर खाद नहीं देते हैं तो उत्पादन पर भी असर पड़ेगा. इसलिए घर का सभी काम-काज छोड़कर खाद लेने आते हैं. आरोप लगाया कि किसानों के समक्ष खाद की समस्या है, जबकि बिचौलियों की चांदी कट रही है. कई किसानों ने प्रबंधन पर आरोप लगाया कि पैसे के लालच में बिचौलियों को खाद दिया जा रहा है. इस संबंध में बिस्कोमान गोदाम प्रबंधक ने बताया कि एक आधार कार्ड पर एक बोरी खाद सिलसिलेवार तरीके से किसानों को दी जा रही है.
मामले की गंभीरता को देखते हुए सहायक गोदाम प्रबंधक बिस्कोमान दीपक कुमार ने वितरण में अराजकता की स्थिति से जिला पदाधिकारी मधेपुरा को अवगत कराया एवं उन्होंने आज जानकारी देते हुए बताया कि जिला पदाधिकारी एवं अनुमंडल पदाधिकारी स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मुरलीगंज प्रखंड कार्यालय में बिस्कोमान से उर्वरक वितरण के लिए पर्ची काटने का दिशा निर्देश दिया. पर्ची काटने के बाद किसानों को वितरण बिस्कोमान भवन से ही किया जाएगा. आज बड़े ही शांतिपूर्ण तरीके से जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा बनाए गए रोस्टर के अनुरूप आज 1 फरवरी को मुरलीगंज प्रखंड के गंगापुर पंचायत, बेलो पंचायत, नाढी पंचायत के किसानों को डीएपी का वितरण किया जा रहा है. वहीं कल 2 फरवरी को दीनापट्टी सखुआ, भतखोड़ा, जीतापुर पंचायत किसानों को डीएपी का वितरण किया जाएगा.
वहीं उन्होंने बताया कि डीएपी की 1300 बोरी आज सवेरे उपलब्ध थी, जिसे वितरण किया जा रहा है. जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा तिथिवार पंचायतों को डीएपी एवं उर्वरक वितरण के लिए विवरण ही निकाली गई है. उसी अनुरूप आज शांतिपूर्ण तरीके से वितरण किया जा रहा है. वहीं यूरिया की रैक के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि तीन-चार दिनों के भीतर ही यूरिया भी प्रचुर मात्रा में आ रही है. किसानों को प्रखंड भर में अब यूरिया की किल्लत से निजात मिल सकेगी.
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