इस अवसर पर किसानों ने मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. जाम स्थल पर राजद के प्रदेश महासचिव देवकिशोर यादव ने कहा कि सुनियोजित रूप से किसानों के फसल को पूंजीपतियों के हवाले किया जा रहा है, जो हमें स्वीकार नहीं है. हम खेती और देश को बचाने के लिए संघर्ष तेज करेंगे. भाकपा के अंचल मंत्री अनिल भारती ने कहा कि मोदी सरकार का कृषि कानून कॉरपोरेट्स परस्त कानून है. इससे किसान बर्बाद और तबाह हो जाएंगे. पूरी तरह से कृषि कानून लागू हो जाने से किसान पूरी तरह कारपोरेट के गुलाम हो जाएंगे. जैसे पहले अंग्रेज गुलामी करवाते थे किसानों से हम किसी भी सूरत में अपनी खेती को बिकने नहीं देंगे.
राजद के पूर्व प्रखंड अध्यक्ष रूद्र नारायण यादव ने कहा कि मोदी सरकार किसान मजदूर विरोधी है वह खेती को बर्बाद कर देना चाहती है देश को बेचने पर आमादा है. इसके खिलाफ हमारा संघर्ष आगे भी जारी रहेगा. भाजपा नेता मो. सिराज ने कहा कि सरकार का काला कृषि कानून वापस ले अन्यथा गद्दी को खाली करें. किसान पुत्र सुमित कुमार ने कहा कि तीनों कृषि कानून किसान विरोधी ही है और सरकार तो खुद किसानों के खिलाफ है. यह तीनों ही कॉन्ट्रैक्ट खेती है सरकार द्वारा देश के सभी चीजों को प्राइवेट सेक्टर के हाथों में बेचने का काम कर रही है. मोदी सरकार या समझ ले कि देश बदल रहा है युवाओं का कुछ बदल रहा है ऐसा ना हो देश के हर घर से आवाज निकलने शुरू होगी अगर यह कानून वापस नहीं होता है तो और भी क्रांतिकारी कदम उठाए जाएंगे.
सुमित कुमार ने कहा कि इस अवसर पर ई. संजय दास, रंजीत वर्मा, उमा शंकर मुन्ना, मो. गब्बर, गणेश यादव, नारायण यादव, लल्लन यादव, गजेंद्र यादव, संजय यादव, दीपु यादव, अमरेन्द्र यादव, जवाहर यादव, मो. आजाद, मो. सद्दाम, मो. सज्जाद, मो. मसलीम आदि सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे.

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