सुरक्षा का एक स्लोगन है, 'न पहुँचने से अच्छा है देर से पहुँचना'. कहने का मतलब ये कि बहुत जल्दीबाजी में कहीं जाने की कोशिश यदि आपको मौत के मुँह में धकेल दे तो बेहतर है अपनी यात्रा रोक दें और देर से ही जाएँ.
दौरम मधेपुरा रेलवे स्टेशन पर भी आज कुछ ऐसी ही दुर्घटना देखने को मिली और दौड़ कर ट्रेन पकड़ने के चक्कर में एक व्यक्ति की इहलीला समाप्त हो गई. मिली जानकारी के अनुसार जिले के सिंहेश्वर प्रखंड क्षेत्र के भेलवा वार्ड नं. 01 का रहने वाला प्रमोद साह सुबह 6 बजे की पैसेंजर ट्रेन से पूर्णिया जाने के लिए स्टेशन पहुंचे. पर आने में विलम्ब हो जाने के कारण तब तक गाड़ी खुल गई थी. उन्होंने दौड़ कर ट्रेन पकड़ने की कोशिश की पर पैर पिसल जाने से वे गिर गए और चलती ट्रेन की चपेट में आ गए और उनकी मौत हो गई.
मधेपुरा टाइम्स अपने पाठकों को सन्देश देना चाहती है कि कभी भी चलती ट्रेन में चढ़ने का प्रयास न करें. अगली ट्रेन या दूसरे माध्यम से भी गंतव्य स्थान तक पहुंचा जा सकता है. आपकी जान खुद और आपके परिवार व शुभचिंतकों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. जान है तो जहान है.

दौरम मधेपुरा रेलवे स्टेशन पर भी आज कुछ ऐसी ही दुर्घटना देखने को मिली और दौड़ कर ट्रेन पकड़ने के चक्कर में एक व्यक्ति की इहलीला समाप्त हो गई. मिली जानकारी के अनुसार जिले के सिंहेश्वर प्रखंड क्षेत्र के भेलवा वार्ड नं. 01 का रहने वाला प्रमोद साह सुबह 6 बजे की पैसेंजर ट्रेन से पूर्णिया जाने के लिए स्टेशन पहुंचे. पर आने में विलम्ब हो जाने के कारण तब तक गाड़ी खुल गई थी. उन्होंने दौड़ कर ट्रेन पकड़ने की कोशिश की पर पैर पिसल जाने से वे गिर गए और चलती ट्रेन की चपेट में आ गए और उनकी मौत हो गई.
मधेपुरा टाइम्स अपने पाठकों को सन्देश देना चाहती है कि कभी भी चलती ट्रेन में चढ़ने का प्रयास न करें. अगली ट्रेन या दूसरे माध्यम से भी गंतव्य स्थान तक पहुंचा जा सकता है. आपकी जान खुद और आपके परिवार व शुभचिंतकों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. जान है तो जहान है.

जिन्दगी को यूं सस्ती न बनाइये: दौड़ कर ट्रेन पकड़ने में हुई मौत
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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February 25, 2019
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February 25, 2019
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