
आज कला और वाणिज्य विषयों की परीक्षा थी जिसमें कुल 15280 परीक्षार्थी शामिल हुए जबकि 545 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे ।
मधेपुरा हाल तक मैट्रिक और इंटर परीक्षा पास करने की तीर्थस्थली समान मानी जाती थी। सर्वप्रथम जिलाधिकारी के रूप में बीरेंद्र कुमार यादव के कार्यकाल में परीक्षा को कदाचारमुक्त करने का प्रयास किया गया था। लेकिन नौबत आगजनी और गोलीबारी की हो गई थी। मतलब यह कि कदाचार को किसी भी सूरत में लोग छोड़ने को तैयार नही थे। फिर जब गोपाल मीणा यहां जिलाधिकारी बने तो उन्होंने स्कूलों पर नकेल कसा और आयातित छात्रों के परीक्षा प्रपत्र भरने पर रोक लगाने का कारगर काम किया गया। परीक्षाओं के ठेकेदारों की छुट्टी हो गई फिर जिलाधिकारी के रूप मो सोहैल ने इस प्रक्रिया को और बल दिया और परीक्षाएं कदाचारमुक्त होती गई।
इस बीच बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने भी कदाचारमुक्त परीक्षा के लिए पूरी व्यवस्था को मजबूत कर प्रशंसनीय कार्य किया है। इन सबका का सुखद परिणाम यह सामने आया है कि अब परीक्षार्थी और अभिभावक भी समझने लगे हैं कि कदाचार के प्रयास करना ही बेकार है।
बहरहाल मैट्रिक और इंटर की परीक्षाएं कदाचारमुक्त होने के बाद अब विश्वविद्यालयी परीक्षा भी कदाचारमुक्त हो, इसके लिए भी सक्षम प्रयास की आवश्यकता महसूस की जाने लगी है। इस बीच आज चली परीक्षा में से एक छात्र उदाकिशुनगंज स्थित मध्य विद्यालय से निष्कासित हुआ है.

इंटर परीक्षा 2019 का दूसरा दिन: एक परीक्षार्थी निष्कासित
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
February 07, 2019
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