जर्जर एवं जानलेवा बने मधेपुरा - मुरलीगंज मुख्य मार्ग में में बड़े-बड़े गड्ढे की भराई शीघ्र करने, मधेपुरा -उदाकिशुनगंज मुख्य मार्ग के निर्माण कार्य को तीव्र गति से पूरा करने, भूमिहीन को बासडीह पर्चा, किसानों के फसल की खरीदारी एवं अस्पतालों को सुव्यवस्थित करने सहित सात सूत्री मांगों को लेकर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने मंगलवार को समाहरणालय के पास आक्रोश मार्च निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया.
मौके पर उपस्थित जनसमूह एवं आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए भाकपा के राष्ट्रीय परिषद के सदस्य प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि पिछले दो वर्षों से मधेपुरा से मुरलीगंज की यात्रा लोग जान हथेली पर रखकर करते हैं. बावजूद इसके सरकार एवं प्रशासन संवेदनहीन बनी बैठी है. उन्होंने कहा कि लोगों को टेंडर नहीं, काम चाहिए. अगर कोई हताहत हुआ तो इसके गंभीर परिणाम होंगे. उन्होंने कहा कि वर्तमान केंद्र एवं राज्य सरकार सभी जनता को धोखा दी है. इनके मुलाजिम भी उनके पद चिन्हों पर चल रहे हैं. आज दलितों और गरीबों के बीच भूमिहीनता की समस्या सबसे बड़ी समस्या है. कोई ऐसा पंचायत नहीं है, जहां सैकड़ों परिवार भूमिहीन ना हो. जब बास की जमीन ही नहीं है तो आवास और निवास कहां से होगा. हर घर जल और नल कहां से होगा.
भाकपा नेता प्रमोद प्रभाकर ने चेतावनी स्वरूप कहा कि जिला प्रशासन एवं सरकार पंचायतवार भूमिहीन परिवार का सर्वे कर शीघ्र पांच डिसमिल बास की जमीन दे. किसानों की फसल का लाभकारी दाम दें एवं विकारों को काम दें, अन्यथा उग्र संघर्ष होगा.
आक्रोश मार्च का नेतृत्व कर रहे भाकपा जिला मंत्री विद्याधर मुखिया ने कहा कि वर्तमान शासन व्यवस्था में लोगों को न्यूनतम आवश्यकता की पूर्ति नहीं हो पाती है. गरीब एवं दलित जानवर की जिंदगी जीने को विवश है सरकार एवं प्रशासन सिर्फ घोषणा करती है. भाकपा राज्य परिषद के सदस्य प्रो देव नारायण पासवान देव ने कहा कि केंद्र एवं राज्य की सरकार जनविरोधी है. बढ़ती महंगाई, बेकारी एवं किसानों की बदहाली से आम लोग त्रस्त हैं. दिल्ली एवं पटना की सरकार जाति और संप्रदाय की राजनीति करने में मस्त हैं.
बिहार राज्य किसान सभा के सचिव रमण कुमार एवं नौजवान संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष शंभू क्रांति ने कहा कि यह देश किसानों की और नौजवानों की है. परंतु सदैव सबसे ज्यादा बदहाल किसान और नौजवान ही रहे हैं. उन्होंने कहा कि इनका अनदेखी करना गंभीर परिणाम होगा.
मौके पर एटक नेता वीरेंद्र नारायण सिंह, एआईएसएफ के जिला अध्यक्ष वसीम उद्दीन उर्फ नन्हे, भाकपा नेता उमेश यादव, मोती सिंह, मो जहांगीर, उमाकांत सिंह, मनोज राम, जय प्रकाश महतो, अंबिका मंडल, अमरेंद्र सिंह, नंदकिशोर राम, पवन कुमार सुमन, बुटीश स्वर्णकार, गणेश सिंह, सिकंदर राम, बिंदेश्वरी यादव, अरुण दास, सुरेश चौधरी, टुनटुन सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे. मौके पर भाकपा के प्रतिनिधिमंडल प्रमोद प्रभाकर, विद्याधर मुखिया, देवनारायण पासवान देव, उमाकांत सिंह, रमन कुमार, उमेश यादव आदि ने जिला पदाधिकारी को आवेदन सौंपा.
मौके पर उपस्थित जनसमूह एवं आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए भाकपा के राष्ट्रीय परिषद के सदस्य प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि पिछले दो वर्षों से मधेपुरा से मुरलीगंज की यात्रा लोग जान हथेली पर रखकर करते हैं. बावजूद इसके सरकार एवं प्रशासन संवेदनहीन बनी बैठी है. उन्होंने कहा कि लोगों को टेंडर नहीं, काम चाहिए. अगर कोई हताहत हुआ तो इसके गंभीर परिणाम होंगे. उन्होंने कहा कि वर्तमान केंद्र एवं राज्य सरकार सभी जनता को धोखा दी है. इनके मुलाजिम भी उनके पद चिन्हों पर चल रहे हैं. आज दलितों और गरीबों के बीच भूमिहीनता की समस्या सबसे बड़ी समस्या है. कोई ऐसा पंचायत नहीं है, जहां सैकड़ों परिवार भूमिहीन ना हो. जब बास की जमीन ही नहीं है तो आवास और निवास कहां से होगा. हर घर जल और नल कहां से होगा.
भाकपा नेता प्रमोद प्रभाकर ने चेतावनी स्वरूप कहा कि जिला प्रशासन एवं सरकार पंचायतवार भूमिहीन परिवार का सर्वे कर शीघ्र पांच डिसमिल बास की जमीन दे. किसानों की फसल का लाभकारी दाम दें एवं विकारों को काम दें, अन्यथा उग्र संघर्ष होगा.
आक्रोश मार्च का नेतृत्व कर रहे भाकपा जिला मंत्री विद्याधर मुखिया ने कहा कि वर्तमान शासन व्यवस्था में लोगों को न्यूनतम आवश्यकता की पूर्ति नहीं हो पाती है. गरीब एवं दलित जानवर की जिंदगी जीने को विवश है सरकार एवं प्रशासन सिर्फ घोषणा करती है. भाकपा राज्य परिषद के सदस्य प्रो देव नारायण पासवान देव ने कहा कि केंद्र एवं राज्य की सरकार जनविरोधी है. बढ़ती महंगाई, बेकारी एवं किसानों की बदहाली से आम लोग त्रस्त हैं. दिल्ली एवं पटना की सरकार जाति और संप्रदाय की राजनीति करने में मस्त हैं.
बिहार राज्य किसान सभा के सचिव रमण कुमार एवं नौजवान संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष शंभू क्रांति ने कहा कि यह देश किसानों की और नौजवानों की है. परंतु सदैव सबसे ज्यादा बदहाल किसान और नौजवान ही रहे हैं. उन्होंने कहा कि इनका अनदेखी करना गंभीर परिणाम होगा.
मौके पर एटक नेता वीरेंद्र नारायण सिंह, एआईएसएफ के जिला अध्यक्ष वसीम उद्दीन उर्फ नन्हे, भाकपा नेता उमेश यादव, मोती सिंह, मो जहांगीर, उमाकांत सिंह, मनोज राम, जय प्रकाश महतो, अंबिका मंडल, अमरेंद्र सिंह, नंदकिशोर राम, पवन कुमार सुमन, बुटीश स्वर्णकार, गणेश सिंह, सिकंदर राम, बिंदेश्वरी यादव, अरुण दास, सुरेश चौधरी, टुनटुन सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे. मौके पर भाकपा के प्रतिनिधिमंडल प्रमोद प्रभाकर, विद्याधर मुखिया, देवनारायण पासवान देव, उमाकांत सिंह, रमन कुमार, उमेश यादव आदि ने जिला पदाधिकारी को आवेदन सौंपा.
'बदहाली से आम लोग त्रस्त, दिल्ली एवं पटना की सरकार जाति और संप्रदाय की राजनीति करने में मस्त'
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 10, 2018
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