डॉ. अमोल राय की पुस्तक 'लोक जीवन में संस्कार और संस्कार गीत' का लोकार्पण

मधेपुरा के भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के बुक ऑडिटोरियम हॉल में शनिवार को पुस्तक लोकार्पण संबोधित विमर्श कार्यक्रम संपन्न हुआ जिसमें भाजपा के वरिष्ठ नेता सह पूर्व मंत्री नंदकिशोर यादव मौजूद रहे.

  विमर्श कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता सह पूर्व मंत्री नंदकिशोर यादव ने कहा कि लोक जीवन गीत कथाओं के अंदर प्रेरणा क्षति हुई है. उन्होंने कहा कि पूरा विश्व परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है और इस परिवर्तन के दौर में कई तरह के विकार भी हमारे समाज में आए हैं. उन्होंने कहा कि संयुक्त परिवार की मान्यताएं हमारे समाज से टूट रही है. दुनिया में हो रहे परिवर्तन का समाज पर असर पड़ा है. उन्होंने दुख व्यक्त करते कहा कि परिवार का मतलब पति-पत्नी और अपने बच्चे तक ही सिमट गया है. लोककथाओं को कौन सुनेगा. उन्होंने इसे संरक्षित और सुरक्षित करने के लिए बौद्धिक जनों से आगे आने की बात कही.
     डॉक्टर अमोल राय द्वारा लिखित 'लोक जीवन में संस्कार और संस्कार गीत' पुस्तक के लोकार्पण अवसर पर श्री यादव ने कहा कि कुरीतियों को दूर करने का प्रयास हमें हर स्तर पर करना चाहिए. साथ ही हमारे आने वाली पीढ़ी को होने वाली कठिनाइयों से दूर करने पर भी विचार होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि समाज में विषमता है, समाजिक बुराइयां हैं. इसे हम दूर करें लोकगीत के मूल भावना को देखें और जीवन में उतारे जिससे हमारी सभ्यता और संस्कृति पुनर्जीवित हो सकती है. उन्होंने कहा कि बौद्धिक विमर्श से ही भारतीय संस्कृति और सभ्यता को अक्षुण बनाया जा सकता है.
     समारोह में बी एन मंडल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर विनोद कुमार ने कहा इस संस्कार हमें अनुशासन के बल पर ही प्राप्त कर सकते हैं. उन्होंने विद्वानों से कहा इस समाज आपका अनुसरण कर रहा है, शिक्षकों पर बहुत बड़ी जवाबदेही है. उन्होंने शिक्षकों से अंतरात्मा में झांकने की भी बात कही. उन्होंने दुख व्यक्त करते कहा कि आज हमारी संस्कृति कहां जा रही है/ जहां भारत ने हमें सभ्यता और संस्कृति की सीख पूरी दुनिया को दी है लेकिन आज हम पश्चिमी सभ्यता को अपनाकर अपने को गौरवान्वित महसूस हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि अपनों से पहले दूसरों के दुख को दूर करने में हम सब पहल करें तो हमारा संस्कार एक बार फिर पूरी दुनिया के सामने नजर आएगा. 
    समारोह में बी एन मंडल विश्वविद्यालय के प्रथम कुलपति संस्थान पूर्व सांसद डॉक्टर रविंद्र कुमार यादव रवि ने कहा कि आधुनिकता की चकाचौंध में लोकजीवन दूर चला गया है. लोक जीवन में आधुनिक जीवन को संस्कार दिया उसे हम भूलते जा रहे हैं. समाज के बड़े लोग इससे दूर हो रहे हैं. ग्राम में जीवन समाप्त हो रही है. हमारे अंदर करूणा और प्रेम का उदय हो. बिना संस्कार बिना संवेदना और बिना करुणा के साहित्य का निर्माण नहीं हो सकता. एक बेहतर समाज निर्माण के लिए हमें संस्कारित होना होगा. उन्होंने लोक जीवन में संस्कार और संस्कार गीत के लेखक डॉक्टर अमोल राय को बधाई दी.
    मौके पर पूर्व कुलपति डॉक्टर जगदीश प्रसाद मंडल और पूर्व प्रतिकुलपति डॉक्टर के के मंडल ने भी अपनी बात रखी. समारोह में बी एन मंडल विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों के प्राचार्य शिक्षक, छात्र, शोधार्थी आदि मौजूद थे. सहरसा के मैथिली विभागाध्यक्ष डॉ राम नरेश सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया. कार्यक्रम का संचालन  डॉ विनय कुमार चौधरी ने किया.
डॉ. अमोल राय की पुस्तक 'लोक जीवन में संस्कार और संस्कार गीत' का लोकार्पण डॉ. अमोल राय की पुस्तक 'लोक जीवन में संस्कार और संस्कार गीत' का लोकार्पण Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on April 09, 2017 Rating: 5
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