मधेपुरा जिला के चौसा प्रखंड के रसलपुर धुरिया पंचायत का महादलित टोला चिकनपॉक्स से बुरी तरह ग्रसित. अन्धविश्वास में गई 2 बच्चे की जान. करीब 2 दर्जन अभी भी हैं इसके इसके चपेट में.
जहाँ इंसान चाँद पर घर बने को सोच रहा लेकिन अभी भी हमारे समाज में अन्धविश्वास अभिशाप बन कर अपना पांव पसारे हुए है. इसी का एक उदहारण चौसा प्रखंड के रसलपुर धुरिया पंचायत महादलित टोला मुसहरी में देखने को मिला. जहाँ पूरा मधेपुरा जिला चिकनपॉक्स से ग्रसित है वही इस बीमारी को देवी देवता का रूप बता कर पूजा पाठ से ठीक करने की सोच रखते है.
बताया जाता है की आज से करीब 10 दिन पहले ब्रहमदेव मेहतर के पुत्र सोनू कुमार उम्र 1 वर्ष तथा विनोद ऋषिदेव की पुत्री राजनंदनि, उम्र 3 वर्ष को ये बीमारी हुई और उसका सही से इलाज ना हो सका. झाड़-फूंक के चक्कर में इनकी जान चली गई. जब बीते मंगलवार इसी टोले में 2 दर्जन के करीब बच्चे इस बीमारी से ग्रसित होने की सूचना चौसा प्राथमिक स्वास्थ केंद्र को मिली तो सूचना मिलते ही डॉ उपेंद्र नारायन दिवाकर मेडिकल टीम के साथ वहां पहुंचे.
लेकिन अंधविश्वास की चपेट में आ चुके ग्रामीणों ने दवा लेने से मना कर दिया. उनका कहना था की अभी हमारे गोसाई (देवता) का पूजा हो रहा है. अभी दवाई नहीं खिलाएंगे. लाख समझने के बाद भी मेडिकल टीम को खाली लौटना पड़ा. फिर आज जब चौसा पीएचसी से डॉ0 उपेंद्र नारायन दिवाकर, BHM मो0 शाहनवाज हुसैन, रोगी कल्याण समिति से डॉ0 नरेश ठाकुर निराला, BHW श्यामनंदन साह, ANM उषा कुमारी द्वारा काफी समझने के बाद कि पूजा पाठ के साथ दवाई भी जरुरी है, तब जा कर ग्रामीणों ने दवा लिया.
बताया गया कि कामो कुमार, 3 वर्ष, प्रतिज्ञा कुमारी 6 वर्ष, दिलखुश कुमार 4 वर्ष, अर्चना कुमारी 2 वर्ष, मंखुश कुमार 2 वर्ष, राजलि कुमारी 3 वर्ष, दिलो कुमार 2 वर्ष, पंकज कुमार 5 वर्ष, बिपिन कुमार 7 वर्ष, गुलशन कुमार 2 वर्ष, सोनाक्षी कुमारी 9 माह, रिंकू कुमारी 2 वर्ष, सोनू कुमार 3 वर्ष, खुशबु कुमारी 4 वर्ष आदि चिकन पॉक्स से यहाँ ग्रसित हैं.
जहाँ इंसान चाँद पर घर बने को सोच रहा लेकिन अभी भी हमारे समाज में अन्धविश्वास अभिशाप बन कर अपना पांव पसारे हुए है. इसी का एक उदहारण चौसा प्रखंड के रसलपुर धुरिया पंचायत महादलित टोला मुसहरी में देखने को मिला. जहाँ पूरा मधेपुरा जिला चिकनपॉक्स से ग्रसित है वही इस बीमारी को देवी देवता का रूप बता कर पूजा पाठ से ठीक करने की सोच रखते है.
बताया जाता है की आज से करीब 10 दिन पहले ब्रहमदेव मेहतर के पुत्र सोनू कुमार उम्र 1 वर्ष तथा विनोद ऋषिदेव की पुत्री राजनंदनि, उम्र 3 वर्ष को ये बीमारी हुई और उसका सही से इलाज ना हो सका. झाड़-फूंक के चक्कर में इनकी जान चली गई. जब बीते मंगलवार इसी टोले में 2 दर्जन के करीब बच्चे इस बीमारी से ग्रसित होने की सूचना चौसा प्राथमिक स्वास्थ केंद्र को मिली तो सूचना मिलते ही डॉ उपेंद्र नारायन दिवाकर मेडिकल टीम के साथ वहां पहुंचे.
लेकिन अंधविश्वास की चपेट में आ चुके ग्रामीणों ने दवा लेने से मना कर दिया. उनका कहना था की अभी हमारे गोसाई (देवता) का पूजा हो रहा है. अभी दवाई नहीं खिलाएंगे. लाख समझने के बाद भी मेडिकल टीम को खाली लौटना पड़ा. फिर आज जब चौसा पीएचसी से डॉ0 उपेंद्र नारायन दिवाकर, BHM मो0 शाहनवाज हुसैन, रोगी कल्याण समिति से डॉ0 नरेश ठाकुर निराला, BHW श्यामनंदन साह, ANM उषा कुमारी द्वारा काफी समझने के बाद कि पूजा पाठ के साथ दवाई भी जरुरी है, तब जा कर ग्रामीणों ने दवा लिया.
बताया गया कि कामो कुमार, 3 वर्ष, प्रतिज्ञा कुमारी 6 वर्ष, दिलखुश कुमार 4 वर्ष, अर्चना कुमारी 2 वर्ष, मंखुश कुमार 2 वर्ष, राजलि कुमारी 3 वर्ष, दिलो कुमार 2 वर्ष, पंकज कुमार 5 वर्ष, बिपिन कुमार 7 वर्ष, गुलशन कुमार 2 वर्ष, सोनाक्षी कुमारी 9 माह, रिंकू कुमारी 2 वर्ष, सोनू कुमार 3 वर्ष, खुशबु कुमारी 4 वर्ष आदि चिकन पॉक्स से यहाँ ग्रसित हैं.
अंधविश्वास में गई दो बच्चे की जान: पॉक्स में देखते हैं भगवती, नहीं लेते दवा
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 20, 2016
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