मधेपुरा जिले के आलमनगर नहर प्रखण्ड के आलमनगर दक्षिणी पंचायत स्थित कारू बाबा स्थान के निकट नहर टूट जाने से सैकड़ों एकड़ मक्के और गेहूं की फसल पानी में डूब गई जिससे किसानों के बीच हहाकार मच गया. बचे हुए फसलों को बचाने को लेकर विभाग कुम्भकरण की नींद सोई हुई है.
आलमनगर दक्षिणी पंचायत स्थित कारू बाबा स्थान के निकट नहर के पश्चिमी भाग के टूट जाने से पानी की धार ने किसानों के लहलहाते मक्के एवं गेहूं की फसलों पर कहर ढा दिया. खबर सुनते ही किसान अपनी खेतों की ओर दौड़े तो फसल डूबी हुई मिली. दूसरी तरफ जिस किसान की फसल डूबने के कगार पर थी, वे अपनी फसलों को बचाने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों से गुहार लगाते देखे गए.
किसान फुलेश्वर सिंह, कैलाश सिंह, नागो ऋषिदेव, सुरेश ठाकुर, दशरथ सिंह, रूपन शर्मा सहित सैकड़ों किसान नें बताया कि मक्के एवं गेंहु की बुआई करने में हीं हजारों रूपये महाजन से उधार लेने पड़े थे. परन्तु विभाग की लापरवाही एवं आरईओ द्वारा बगल में बनाये जा रहे पुल निर्माण के लिए बनाये गए एप्रोच पथ में संवेदकों द्वारा मिट्टी काट लेने और नहर में जल संसाधन विभाग द्वारा छोड़े गए पानी ने रातों-रात नहर को काट दिया और हमलोगों की फसल डूब गई.
किसानों का कहना था कि एक मात्र यही रबी फसल पर ही पूरा परिवार का पेट चलता पर अब फसल ही नहीं, उम्मीदें भी डूब चुकी है. उन्होंने जलसंसाधन विभाग की लापरवाही एवं संवेदकों पर कारवाई की मांग करने के साथ-साथ सरकार से मुआवजे की भी मांग की है. इस बाबत अंचलाधिकारी विकास कुमार सिंह ने बताया कि नहर टूटने की सूचना सम्बंधित अभियंता सहित वरीय पदाधिकारियों को भी दे दी गई है.
आलमनगर दक्षिणी पंचायत स्थित कारू बाबा स्थान के निकट नहर के पश्चिमी भाग के टूट जाने से पानी की धार ने किसानों के लहलहाते मक्के एवं गेहूं की फसलों पर कहर ढा दिया. खबर सुनते ही किसान अपनी खेतों की ओर दौड़े तो फसल डूबी हुई मिली. दूसरी तरफ जिस किसान की फसल डूबने के कगार पर थी, वे अपनी फसलों को बचाने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों से गुहार लगाते देखे गए.
किसान फुलेश्वर सिंह, कैलाश सिंह, नागो ऋषिदेव, सुरेश ठाकुर, दशरथ सिंह, रूपन शर्मा सहित सैकड़ों किसान नें बताया कि मक्के एवं गेंहु की बुआई करने में हीं हजारों रूपये महाजन से उधार लेने पड़े थे. परन्तु विभाग की लापरवाही एवं आरईओ द्वारा बगल में बनाये जा रहे पुल निर्माण के लिए बनाये गए एप्रोच पथ में संवेदकों द्वारा मिट्टी काट लेने और नहर में जल संसाधन विभाग द्वारा छोड़े गए पानी ने रातों-रात नहर को काट दिया और हमलोगों की फसल डूब गई.
किसानों का कहना था कि एक मात्र यही रबी फसल पर ही पूरा परिवार का पेट चलता पर अब फसल ही नहीं, उम्मीदें भी डूब चुकी है. उन्होंने जलसंसाधन विभाग की लापरवाही एवं संवेदकों पर कारवाई की मांग करने के साथ-साथ सरकार से मुआवजे की भी मांग की है. इस बाबत अंचलाधिकारी विकास कुमार सिंह ने बताया कि नहर टूटने की सूचना सम्बंधित अभियंता सहित वरीय पदाधिकारियों को भी दे दी गई है.
(रिपोर्ट: प्रेरणा किरण)
मधेपुरा: नहर टूटने से सैंकड़ों एकड़ फसल डूबी, हाहाकार
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
January 14, 2016
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