कोई जाकर रूला रहे हैं…(हलधर प्रसाद यादव के निधन पर)

मधेपुरा के भिरखी मध्य विद्यालय के प्रधान रह चुके 66 वर्षीय हलधर प्रसाद यादव को एक दिन पूर्व श्वाँस लेने में कठनाई हुई. उनके एकलौते पुत्र इंजीनियर रूपेश कुमार ने अपने रिश्तेदार चिकित्सक को वृन्दावन नर्सिंग होम फोन किया. चिकित्सक डॉ० वरुण कुमार एवं डॉ० रश्मि भारती रास्ते में ही थे कि उनकी साँसे थम गई.
      चंद मिनटों में यह समाचार तेजी से फ़ैल गया और पड़ोसियों से लेकर रिश्तेदारों तक जो जहाँ सुना सभी शोकाकुल होकर उनके मधेपुरा निवास की ओर चल दिए. कुछ ही देर में जिनसे वे प्रत्येक वर्ष राखी बंधवाने जरूर आते रहे वह बहन रेणु, मधेपुरी के साथ, आँखों में अश्रु कण लिए हुए अपने मास्टर भाई के अंतिम दर्शन करने पहुंची. रूपेश ने पिता को मुखाग्नि दी.
      प्राथमिक शिक्षक संघ के राज्य प्रतिनिधि एवं उसके परीक्षा विभाग के अध्यक्ष रहे तथा गुच्छ प्रधान हलधर बाबू के निधन का समाचार सुनते ही प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष बिरेन्द्र यादव, सचिव लाल
बहादुर यादव सहित शिक्षकों का तांता लग गया. शोक जताने वालों में कृष्ण क्रान्ति संघ के अध्यक्ष अजय कुमार, श्रीकृष्ण मंदिर के अध्यक्ष परमेश्वरी प्रसाद यादव, साहित्यकार सियाराम यादव मयंक सहित विद्यालय से लेकर महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय कर्मी भी लगातार आते रहे. भला क्यों नहीं, इनके परिवार में सबों को शिक्षा के प्रति अनुराग जो रहा है. तीन पुत्रियों में सबसे बड़ी गुड़िया उर्फ पुष्पा सिमुलतल्ला आवासीय विद्यालय, जमुई में यशस्वी शिक्षिका के रूप में मधेपुरा का एवं माता-पिता का नाम रोशन कर रही है. अन्य दो बेटियां दीपा एवं नीतू भी शिक्षा विभाग में सेवारत हैं. अंत में विदा होते वक्त डॉ० मधेपुरी ने उपस्थित शोक संतप्त जनों से कहा-
      दुनियां रंगमंच है अपनी भूमिका सभी निभा रहे हैं|
      कोई आकर हँसा गए जी कोई जाकर रूला रहे हैं||
(प्रस्तुति: डॉ. भूपेंद्र मधेपुरी)
कोई जाकर रूला रहे हैं…(हलधर प्रसाद यादव के निधन पर) कोई जाकर रूला रहे हैं…(हलधर प्रसाद यादव के निधन पर) Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on June 27, 2015 Rating: 5

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