वर्ष 2006 के एक विज्ञापन के तहत गृह रक्षा वाहिनी
के पदों पर जांच परीक्षा के बाद भी बहाली न करने के खिलाफ मधेपुरा जिला
मुख्यालय में अनशन पर बैठे अनशनकारियों की हालत आज चौथे दिन बिगड़ गई.
अनशन पर
बैठे दो अनशनकारियों धर्मेन्द्र कुमार तथा रेहान अंसारी में से रेहान की स्थिति आज
नाजुक हो गई. शाम में जब डॉक्टर उन्हें देखने पहुंचे तो चेकअप के बाद डॉक्टरों ने
उन्हें जब अस्पताल चलने की सलाह दी तो वे भड़क गए. उन्होंने कहा कि अब यहीं जान चली
जायेगी लेकिन हम नहीं जाने वाले. अनशनकारी जिला प्रशासन के अधिकारियों को कोस रहे
थे जो अबतक उन्हें देखने नहीं आये. रेहान को रह-रहकर उल्टियां हो रही थी और लगातार
हिचकियाँ भी आ रही थी. सहयोगियों ने बताया कि रोजा छोड़ इस रमजान के पाक महीने में
रेहान अनशन पर बैठे हैं, पर प्रशासन को इनकी कोई चिंता नहीं.
गृह रक्षा
वाहिनी सफल अभ्यर्थी समिति के सचिव प्रेम कुमार ने बताया कि हमलोगों का मामला वर्ष
2006 से लंबित है. हमें शारीरिक जांच परीक्षा में सफल घोषित किया गया था पर सारे
अधिकारियों के
हस्ताक्षर होने के बाद तत्कालीन जिलाधिकारी राजेश कुमार ने अंतिम सूची पर अपना हस्ताक्षर नहीं किया और तब से हम लगातार अपनी मांग उठाते रहे हैं. अनशनकारियों के समर्थन में बैठे अन्य अभ्यर्थियों ने बताया कि पिछली बार जब हम अनशन पर बैठे थे तो सांसद पप्पू यादव ने 15 दिन का समय मांगकर हमारा अनशन तुड़वाया था, पर कुछ न हो सका. हम लगातार जनता दरबार में भी अपनी समस्या उठाते रहे हैं, पर सबों की उपेक्षा की वजह से हम अब अंतिम लड़ाई लड़ रहे हैं. अब इसपर भी प्रशासन यदि नहीं सुनती है तो हम आत्मदाह करेंगे.
हस्ताक्षर होने के बाद तत्कालीन जिलाधिकारी राजेश कुमार ने अंतिम सूची पर अपना हस्ताक्षर नहीं किया और तब से हम लगातार अपनी मांग उठाते रहे हैं. अनशनकारियों के समर्थन में बैठे अन्य अभ्यर्थियों ने बताया कि पिछली बार जब हम अनशन पर बैठे थे तो सांसद पप्पू यादव ने 15 दिन का समय मांगकर हमारा अनशन तुड़वाया था, पर कुछ न हो सका. हम लगातार जनता दरबार में भी अपनी समस्या उठाते रहे हैं, पर सबों की उपेक्षा की वजह से हम अब अंतिम लड़ाई लड़ रहे हैं. अब इसपर भी प्रशासन यदि नहीं सुनती है तो हम आत्मदाह करेंगे.
अनशनकारियों
के समर्थन में अनशन स्थल पर पहुंचे वार्ड पार्षद ध्यानी यादव और अजीर बिहारी ने भी
जिला प्रशासन से इनकी मांगों पर सहानुभूति विचार करने का आग्रह किया. वहीँ महिला
अभ्यर्थी अजीदा खातून ने कहा कि अब लोग हमारा मजाक बनाने लगे हैं. सहरसा से
होमगार्ड के एसपी आये थे, पर मधेपुरा के कोई अधिकारी देखने तक नहीं आए. वहीँ शाम
में चेकअप के बाद सदर अस्पताल के डॉ. संतोष कुमार ने कहा कि इनकी स्थिति में
लगातार गिरावट हो रही है. (नि० सं०)
रोजा छोड़ अनशन पर बैठ गए रेहान अंसारी, बिगड़ी हालत: मामला नौकरी का
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
June 28, 2015
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