छात्रा का ‘अपहरण’ निकला ‘दिल’ का मामला

|दिव्य प्रकाश|11 फरवरी 2015|
जिले में लड़कियों के अपहरण का मुकदमा तो अभिभावक दर्ज करा देते हैं, पर अधिकाँश मामलों में ये कथित अपहरण दिल का मामला निकल जाता है. ऐसे अधिकाँश मामलों में अभिभावक ये जानते हुए भी कि उनके घर से लड़की स्वेच्छा से भागी है, मुकदमा दर्ज तो करा ही देते हैं, शायद ये सोचकर कि कम से कम भगाने वाला परेशान तो होगा. हालाँकि नाबालिगों के मामले में तो बहला-फुसलाकर ले जाने की बात बहुत हद तक कानूनी रूप से भी लागू हो जाती है, पर बालिगों के अधिकाँश मामले में मियां बीबी राजी, तो क्या करेगा काजी वाली कहावत चरितार्थ हो जाती है.
बिहारीगंज थाना के पकिलपार ग्राम से एक भाई के द्वारा बिहारीगंज थाना में दर्ज अपनी बहन के अपहरण का मामला भी प्रेम प्रंसग का निकला. उक्त लडकी को पुलिस ने सोमवार को बरामद कर लिया. ज्ञात हो कि 28 जनवरी को घटित उक्त मामले को लेकर गाँव के ही जंगला यादव समेत बारह लोगों को नामजद बनाया था. जिसमें एक को पुलिस ने जेल भी भेज दिया है. लडकी के कथनानुसार उसे किसी ने नहीं भगाया वह खुद भागकर गई थी और अपनी मर्जी से उक्त से शादी कर लिया है. हालांकि मामला लड़की के उम्र निर्धारण के अनुसार मोड़ ले सकता है और कोर्ट में धारा 164 दंड प्रक्रिया के तहत लडकी के बयान के बाद ही लड़की या आरोपी के भाग्य का फैसला होगा, पर ये बात तो अभी करीब-करीब तय हो गई कि बरम लड़की के भाई ने मुक़दमे में जो बड़ी संपत्ति की लूटपाट और लड़की को जबरन बन्दूक की नोक पर ले जाने की बात लिखवाई थी, वो संदेहास्पद रही.
छात्रा का ‘अपहरण’ निकला ‘दिल’ का मामला छात्रा का ‘अपहरण’ निकला ‘दिल’ का मामला Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on February 11, 2015 Rating: 5

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