सफरनामा-अलविदा 2013 (3): बुच्चन यादव जीवन भर के लिए जेल में, गोपाल मीणा हुए डीएम, एक दारोगा से रिवाल्वर छीनी तो दूसरे दारोगा ने रिवॉल्वर से पत्नी को मारी गोली...
|ब्यूरो रिपोर्ट|30 दिसंबर 2013|
जुलाई 2013: बीत रहे साल 2013 में जुलाई
का महीना अन्याय पर न्याय की जीत के लिए याद रखा जाएगा. वर्ष 2007 में हुई नरसिंह कंस्ट्रक्शन
के दो इंजीनियर की हत्या के एक मामले में मधेपुरा के तदर्थ न्यायाधीश वाई. एन.
सिंह की कोर्ट ने कोशी के आतंक बुच्चन यादव को जीवनपर्यंत कैद में रहने की सजा
सुना दी. वहीं इसी माह में 12 तारीख को आलमनगर में हुए एक दर्दनाक नाव हादसे में
दस लोगों की मौत ने जिले को झकझोर कर रख दिया.
अगस्त 2013: अगस्त का माह कुछ अच्छे
और कुछ चिंताजनक घटनाओं का सम्मिश्रण रहा. अगस्त के शुरुआत में जहाँ मधेपुरा कॉलेज
मधेपुरा में बीबीए, बीसीए और बायोटेक की पढ़ाई शुरू होने से इलाके के छात्रों को
मधेपुरा में ही बेहतर कोर्स मिलने की सम्भावना दिखने लगी, वहीं माह के अंत में 30
अगस्त को मधेपुरा के जिलाधिकारी के रूप में गोपाल मीणा ने पदभार ग्रहण किया. श्री
मीणा के डीएम के रूप में मधेपुरा आना जिले में चरम पर पहुंचे भ्रष्टाचार पर अंकुश
की तरह देखा गया.
सितम्बर 2013: बीता सितम्बर जिले को
झकझोर देने वाली कई घटनाओं के लिए याद रखा जाएगा. शुरू में ही एक साल भर की
दुधमुंही बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना से जहाँ मानवता शर्मशार हुई, वहीँ जिले के
दो दारोगा चर्चा में रहे. 22 सितम्बर को मधेपुरा थानान्तर्गत मिठाई ओपी के प्रभारी
महेश यादव की सर्विस रिवॉल्वर अपराधियों ने छीन कर इस बात की चुनौती दे डाली कि आम
जनता क्या, जिले में पुलिस भी सुरक्षित नहीं हैं. दूसरी तरफ माह का अंत एक भयानक
घटना से हुआ जिसमें भर्राही ओपी में पदस्थापित एक दारोगा के सर्विस रिवॉल्वर से
उसकी पत्नी की मौत हो गई. 30 सितम्बर को हुई इस दर्दनाक मौत में अभिलाषा की हत्या
करने का आरोप उसके दारोगा पति द्रवेश कुमार पर लगी.
सफरनामा-अलविदा 2013 (3): बुच्चन यादव जीवन भर के लिए जेल में, गोपाल मीणा हुए डीएम, एक दारोगा से रिवाल्वर छीनी तो दूसरे दारोगा ने रिवॉल्वर से पत्नी को मारी गोली...
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
December 30, 2013
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