छोटी उम्र में ड्रग्स का नशा: कहाँ जा रहा है मधेपुरा ?

|राजीव रंजन|15 सितम्बर 2013|
लगता है ड्रग्स की गिरफ्त में आ गया है मधेपुरा. युवाओं को जहाँ ये अपनी गिरफ्त में ले चुका है, वहीं बच्चे भी इसके आदी हो रहे हैं. खासकर वैसे बच्चे, जिनके अभिभावक उनपर कम ध्यान देते हैं. कई बच्चे तो इस लत के शिकार इस कदर हो चुके हैं कि अहले सुबह ही उन्हें इसकी जरूरत पड़ जाती है. सूत्र बताते हैं कि ड्रग्स के कारोबारी नियमित रूप से मधेपुरा में विभिन्न तरह के खतरनाक ड्रग्स की सप्लाई करते हैं.
      और जब महंगे ड्रग्स खरीदने में ये नाकामयाब रहते हैं तो दवाई की दूकान से कफ सीरप, या अन्य नशे लानी वाली दवाई और सिरिंज या फिर सायकिल की दूकान में मिलने वाला सॉल्यूशन का इस्तेमाल करना ये बखूबी जानते हैं.
      पुरानी कचहरी हो या शहर की कोई सुनसान जगह इन युवाओं और बच्चों द्वारा प्रयोग में लाई गई सामग्रियों के अवशेष आपको मिल सकते हैं.
      शनिवार की सुबह जब जिला मुख्यालय के जयपालपट्टी में एक बच्चे को लोगों ने नशा करते पकड़ा तो उस बच्चे की उम्र देखकर सभी अचंभित रह गए. हालांकि दस वर्षीय सोनू को बाद में लोगों ने कान पकड़ कर उठ-बैठ कराने के बाद जाने दे दिया. पर इन बर्बाद होते युवाओं और बच्चों को बचाने के लिए प्रशासन को जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत प्रतीत होती है.
छोटी उम्र में ड्रग्स का नशा: कहाँ जा रहा है मधेपुरा ? छोटी उम्र में ड्रग्स का नशा: कहाँ जा रहा है मधेपुरा ? Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on September 15, 2013 Rating: 5

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