मधेपुरा व्यवहार न्यायालय के सरल, मृदुभाषी तथा
लोकप्रिय अधिवक्ता तपेश्वर यादव का 71 वर्ष की उम्र में कल ह्रदयगति रुक जाने से
निधन हो गया. तपेश्वर बाबू के निधन की खबर मिलते ही जिला अधिवक्ता संघ समेत पूरे
न्यायपालिका में शोक की लहर फ़ैल गई. बताया गया कि तपेश्वर बाबू कुछ महीनों से बीमार चल रहे थे.
जिला
अधिवक्ता संघ के सचिव जवाहर झा से मिली जानकारी के मुताबिक तपेश्वर बाबू का जन्म
23 सितम्बर 1942 को हुआ था. टीएनबी कॉलेज भागलपुर से ग्रैजुएशन करने के बाद
उन्होंने लॉ की डिग्री भी लॉ कॉलेज भागलपुर से ही ली थी. अधिवक्ता के रूप में उनका
रजिस्ट्रेशन वर्ष 1970 में हुआ था और वे 23 वर्षों तक सहरसा में बतौर अधिवक्ता काम
करने के बाद वर्ष 1993 से वे मधेपुरा न्यायालय में अपनी प्रैक्टिस कर रहे थे.
आजन्म अविवाहित रहने वाले तपेश्वर यादव के निधन पर जहाँ जिला अधिवक्ता संघ और
व्यवहार न्यायालय के पदाधिकारियों ने मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की, वहीं
अधिवक्ताओं ने उनके सम्मान में अपने को कामकाज से अलग रखा.
मृदुभाषी अधिवक्ता तपेश्वर बाबू के निधन से शोक की लहर
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 07, 2013
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