|वि० सं०|02 अगस्त 2013|
गबन के आरोप में न्यायालय में दाखिल एक परिवाद पत्र
में मधेपुरा के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने मधेपुरा के एक एडीएम समेत दो अन्य
अधिकारियों पर एफआईआर करने का आदेश दे दिया है. परिवाद पत्र मधेपुरा के समाजसेवी
शौकत अली के द्वारा दायर किया गया था जिसपर न्यायालय ने आज संज्ञान लेकर यह आदेश
दिया है.
क्या है मामला ?: मामला मधेपुरा जिला मुख्यालय स्थित
अल्पसंख्यक छात्रावास से जुड़ा हुआ है जिसमें अल्पसंख्यक
कल्याण छात्रावास के एक सदस्य शौकत अली के द्वारा मधेपुरा के सीजेएम के कोर्ट में
दायर परिवाद पत्र संख्यां 792/2013 में कुल तीन अधिकारियों 1. तबारक करीम, प्राध्यापक, टीपी कॉलेज, मधेपुरा सह-अधीक्षक, अल्पसंख्यक छात्रावास, मधेपुरा. 2.गरभू मंडल, पूर्व जिला कल्याण पदाधिकारी तथा 3.
इबरार अहमत कमर, वर्तमान अपर समाहर्ता सह
वर्तमान अध्यक्ष अल्पसंख्यक कल्याण छात्रावास, मधेपुरा को अभियुक्त बनाया था.
परिवाद
पत्र के मुताबिक़ अभियुक्त संख्यां 1 और 2 ने 1 लाख 53 हजार रूपये का गबन कर लिया
और परिवादी शौकत अली के द्वारा कराये गए मरम्मती-सफाई आदि के कार्य का 52 हजार चार
सौ रूपये के भुगतान को उनके द्वारा विपत्र दाखिल किये जाने के बाद भी टालते रहे.
आरोप ये भी लगाया गया है कि टी. करीम और गरभू मंडल ने मिलकर षड्यंत्र रचकर
छात्रावास के लाखों रूपये का गबन किया है. जब छात्रावास में अवैध वसूली अदि से
सम्बंधित जांच पूर्व एसडीओ गोपाल मीणा, तत्कालीन एडीएम अजय कुमार तथा धर्मेन्द्र सिंह ने किया था तो उनके
रिपोर्ट के आधार पर टी. करीम को छात्रावास के अधीक्षक पद से हटा दिया था.
वर्तमान
एडीएम इबरार अहमत कमर पर आरोप है कि इनकी पूर्व पोस्टिंग अररिया थी और तबारक करीम
अररिया के ही मूल निवासी हैं, दोनों
में मिलकर एक बैठक की और फिर टी.करीम को छात्रावास का अधीक्षक बना दिया. शौकत अली
ने जब अपनी राशि के भुगतान की बात रखा तो अधीक्षक के द्वारा इनकार कर दिया गया.
आरोप लगाया गया है कि एडीएम इबरार अहमत कमर ने तबारक करीम को फिर से अधीक्षक के
रूप में कार्य करने का आदेश देकर लोकसेवक के कर्त्तव्य के विरूद्ध कार्य किया है.
क्या थी समाजसेवी शौकत अली की प्रतिक्रिया
?: न्यायालय के द्वारा तीनों बड़े अधिकारियों पर एफआईआर के आदेश के बाद समाजसेवी
शौकत अली ने मधेपुरा टाइम्स को बताया कि वे इस फैसले से बेहद खुश हैं. इन तीनों
अधिकारियों के कर्मों का बखान करते हुए श्री अली ने कहा कि जिले में राज्य स्तर के
पत्रों को भी दबा दिया गया था. अधिकारी के बारे में उन्होंने कहा कि चोर का साथ
देने वाला भी चोर होता है. तत्कालीन कल्याण पदाधिकारी गरभू मंडल के बारे में शौकत
अली का कहना है कि उन्होंने नियमों की धज्जी उड़ाकर अनगिनत काम किया और यदि जांच हो
तो वे जिंदगी भर जेल में रहेंगे.
एडीएम समेत तीन पर एफआईआर के आदेश
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 02, 2013
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