रेलवे के कमीनेपन में सुधार: पहले हटाया फिर दे दिया लिंक ट्रेन

|नि.सं.|27 जुलाई 2013|
मधेपुरा से आज से सुबह 05.55 बजे एक पैसेंजर ट्रेन खुल रही है जो सहरसा होते हुए समस्तीपुर तक जायेगी. यह ट्रेन सहरसा से सुबह सात बजे खुलने वाली राज्यरानी एक्सप्रेस के लिंक के रूप में भी काम करेगी.
    रेलवे ने मधेपुरा के लोगों के साथ भद्दा मजाक करना सीख लिया है. बता दें कि राज्यरानी की लिंक ट्रेन पहले भी चला करती थी. पर इसे इसी 01 जुलाई के प्रभाव से बंद कर दिया गया था जिसकी वजह से पैसेंजरों को पटना जाने के लिए अहम ट्रेन राज्यरानी एक्सप्रेस पकड़ने के लिए अन्य दुखदायी साधनों का सहारा लेना पड़ रहा था. पीड़ित लोगों ने घर में बैठकर रेलवे को कोसा भी था, पर अपनी मनहूसियत का परिचय देते हुए मन मसोस कर रह गए थे, कोई आंदोलन नहीं किया. पढ़ें: शरद यादव का ‘तोहफा’: एक और ट्रेन हुआ बंद, बढ़ेगी दुर्घटनाएं.

    खैर जो भी हो, रेलवे को लगा कि उसके कमीनेपन से आम आदमी परेशान हो रहे हैं और फिर से आज से राज्यरानी का लिंक पैसेंजर ट्रेन शुरू कर दिया. गाँवों में कहावत है, “इस कोठी का धान उस कोठी और उस कोठी का धान इस कोठी”. कहने का मतलब कि रेलवे को बस उतना ही धंधा है. मधेपुरा से लंबी दूरी कि ट्रेन जैसी कोई योजना इनके पास नहीं है.
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