अनुसंधानक पुलिस पदाधिकारी की लापरवाही से अभियुक्तों को मिली अग्रिम जमानत

मधेपुरा जिले के शंकरपुर थाना क्षेत्र के झरकाहा गांव में जमीन विवाद को लेकर एक साल पूर्व दर्ज कांड में अदालत ने साक्ष्य के अभाव और पुलिस की लापरवाही को देखते हुए अभियुक्तों को अग्रिम जमानत दे दी। 

मधेपुरा व्यवहार न्यायालय के एडीजे-2 सतीश कुमार की अदालत ने शनिवार को जमानत आवेदन स्वीकृत कर लिया। दरअसल 25 अगस्त 2024 को भोला प्रसाद यादव एवं अभियुक्तों के बीच जमीन विवाद को लेकर मारपीट की शिकायत दर्ज हुई थी। इस मामले में दो महिलाएं और एक नाबालिग बच्चे सहित कुल पांच लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी। नाबालिग सहित तीन आरोपित पहले ही जमानत पर मुक्त हो चुके थे। जबकि आरोपी मुकेश यादव एवं अशोक यादव को जमानत नहीं मिली थी। 

चीफ एलएडीसीएस सीपी चंदन ने बताया कि मामले की सुनवाई के दौरान अनुसंधानक पुलिस पदाधिकारी और मधेपुरा एसपी की उदासीनता साफ झलकती रही। कई महीने तक केस डायरी न्यायालय में समर्पित नहीं की गई। इस पर मई 2025 में न्यायालय ने अनुसंधानक पुलिस पदाधिकारी से शोकॉज पूछा। लेकिन जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया। फिर पांच अगस्त को न्यायालय ने एसपी को शंकरपुर थानाध्यक्ष का वेतन रोकने का आदेश दिया। साथ ही थानाध्यक्ष को निर्देश दिया गया था कि वह मूल केस डायरी के साथ स्वयं न्यायालय में सदेह उपस्थित हों। इसके बावजूद न तो उन्होंने केस डायरी प्रस्तुत किया और न ही अदालत में उपस्थित हुए। परिणामस्वरूप 23 अगस्त को अदालत ने अभियुक्त मुकेश यादव एवं अशोक यादव की अग्रिम जमानत मंजूर कर ली।

(रिपोर्ट: मनीष कुमार)

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