|सुपौल से बबली गोविन्द|11 अप्रैल 2103|
कुसहा त्रासदी के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब कभी
भी कोसी आते हैं पुनर्निर्माण की बात जरूर करते हैं। साथ में पहले से बेहतर कोसी बनाने
का वादा भी। लेकिन जमीनी सच्चाई तो यह है कि कुसहा त्रासदी के चार वर्ष बीत जाने के
बाद भी आज भी बड़ी संख्या में लोग गृह क्षति मुआवजा राशि से वंचित हैं। पता नहीं इस
ओर किसी की नजर क्यों नहीं जा पा रही है। पिछले दिनों बिहार सरकार के मंत्री नरेन्द्र
नारायण यादव बलुआ में उस वक्त हक्के-बक्के रह गये जब गृह क्षति मुआवजा से वंचित लोगों
के हंगामें से उनकी सभा बेरंग हो गयी।
मिला तो सिर्फ आश्वासन: बता दें कि आज की तारीख
में भी बलुआ बाजार व जीवछपुर पंचायत के ढ़ेर सारे लोग गृह क्षति मुआवजा से वंचित हैं।
वंचित लोगों द्वारा सीएम व डीएम का दरवाजा खटखटाने के बाद अपर समाहर्ता व सीओ को जांच
की जिम्मेदारी दी गयी। चार-चार बार पीडि़तों ने आमरण अनशन भी किया। लेकिन मुआवजा नहीं
मिला, मिला
तो सिर्फ आश्वासन, कोरा आश्वासन।
बारिश और धूप की चाबुक सह रही पीठ: आज भी
यहां के लोगों के मन में, नयन में
कोसी की धारा बह रही है। आज भी छेद वाली फूस की छत में रहने वाले काफी संख्या में ऐसे
लोग हैं जिनके देह पर बारिश होने पर सीधे पानी टपकता है। बावजूद बारिश और धूप की चाबुक
सह रही ऐसी पीठ पर किसी के भी नरम हाथ नहीं पड़े हैं। कहते हैं कि काल-चक्र प्रतिदिन
नया सबेरा लेकर आता है। पता नहीं आखिर कब बलुआ बाजार व जीवछपुर पंचायत के लोगों के
लिए नया सबेरा होगा, होगा भी
या नहीं...! इस बाबत अधिकारियों ने बताया कि जल्द ही वंचित लोगों को भी मुआवजा राशि
का लाभ मिलेगा।
क्या हुआ तेरा वादा ???
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 11, 2013
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