|वि० सं०| 11 अप्रैल 2013|
प्रिंट और एलेक्ट्रॉनिक के बाद न्यू मीडिया या वेब
मीडिया के माध्यम से जब पत्रकारिता का नया रूप उभर कर सामने आया तो पत्रकारिता की
पुरानी कई मान्यताएं इस इंटरनेट युग में ध्वस्त होती नजर आई. मधेपुरा समेत कोशी के
अन्य जिलों में भी ऑनलाइन रिपोर्टिंग तेजी से लोकप्रिय हुआ और सबसे पहले इस
क्षेत्र में दस्तक देने वाले मधेपुरा टाइम्स ने भी आमजनों और अधिकारी वर्ग में
अपनी खासी पैठ बना ली.
देश
स्तर पर महिलाओं के बीच पत्रकारिता की लोकप्रियता का इतिहास तो काफी पुराना रहा है
पर कोशी के इलाके में महिलायें पत्रकारिता में हाथ आजमाने से गुरेज कर रही थी.
कारण कई हो
सकते हैं. पर अब ऑनलाइन पत्रकारिता इलाके की महिलाओं को भी शायद भाने
लगा है. खास कर महिलाओं को मधेपुरा टाइम्स की पत्रकारिता तो सुरक्षित लगने ही लगी
है. कोई झंझट नहीं, न तो पूरे जिले के लिए रिपोर्टिंग करनी है और न ही पूरे प्रखंड
के लिए. अगल-बगल की घटनाओं या परिवेश से जुड़ी ख़बरें फोटो सहित ई-मेल से भेजा और
खबर प्रकाशित. भाषा की शुद्धता के लिए कोई टेंशन नहीं, संपादक मंडली जो है. और
जहां तक आर्टिकल की बात है तो मधेपुरा या इलाके की लड़कियों का विभिन्न विषयों पर
अपने लेख प्रकाशित करवाने के लिए भी मधेपुरा टाइम्स का मंच पहली पसंद है.


सुपौल
और सहरसा से चाहे बबली गोविन्द और गुड्डी सिंह हो या फिर कुमारखंड से श्रुति भारती
न्यूज सेन्स किसी से कम नहीं. आर्टिकल्स के मामले में भी रचना भारतीय, विद्या गुप्ता आदि के
मधेपुरा टाइम्स पर प्रकाशित आर्टिकल्स पर हुए जबरदस्त विजिट साबित करते हैं कि
भाषा शैली और विचारों के मामले में ये किसी से कम नहीं हैं. जाहिर सी बात है
मधेपुरा टाइम्स पढ़ते-पढ़ते दूसरों में भी खबर का बोध और लेखन शैली विकसित होने में
देर कहाँ लगती है ???
यहाँ महिलायें भी कर रही हैं पत्रकारिता और लेखन के शौक पूरे
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 11, 2013
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