जिले के श्रीनगर थानाक्षेत्र के चैनपुर गाँव में
नेपाल से भागी नील गाय को ग्रामीणों ने कल पकड़ तो लिया लेकिन चौबीस घंटे बीत जाने
के बाद भी वन पदाधिकारी एवं स्थानीय थाना सूचना के बावजूद नील गाय की सुधि लेने
नहीं पहुंचे. बता दें कि नीलगाय को रखने वाले मो० सिराज के लिए ये गाय गले की
हड्डी बन गयी है क्योंकि उनके पास इसे खिलाने के इंतजामात नहीं है. वे बार-बार
अधिकारी को सूचना दे रहे हैं कि गाय को वन विभाग अपने कब्जे में ले ताकि गाय की
जान बच सके. हैरत की बात तो यह है कि स्थानीय थाना एवं वन विभाग इस पकड़े गए नीलगाय
की सुरक्षा को लेकर बेसुध दिख रहे हैं. अब आजिज सिराज गाय को छोड़ देने की तैयारी
में है. ऐसे में नीलगाय जिन्दा रह पाएगी या किसी के हत्थे चढ़ कर जान गँवा बैठेगी.
शायद इसी के इंतजार में हैं वन विभाग के अधिकारी.
क्या पकड़ाई नीलगाय जिन्दा बच सकेगी ?
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
December 17, 2012
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