जिले में प्रशासन के कदाचारमुक्त परीक्षा के दावे की पोल खुलती नजर आ रही है.जिले के अधिकाँश परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षार्थियों को चोरी कराने के उद्येश्य से मददगार परीक्षा चलने तक जमे रहते हैं.कई केन्द्रों पर तो दीवाल पर चढ़े छात्र इस ताक में रह रहे हैं कि जैसे ही मौका लगेगा वे परीक्षार्थियों तक पुर्जे पहुंचा देंगे.ड्यूटी पर तैनात सिपाहियों को भी पैसे का लालच देकर ये इस काम के लिए राजी करने का प्रयास कर रहे हैं.दूसरी तरफ कई केन्द्रों पर तम्बू के नीचे जमीन पर बैठे परीक्षार्थियों को उस समय भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है जब दिन में अचानक तेज हवा के साथ धूल उड़ने लगती है.
जिला शिक्षा पदाधिकारी मिलिंद कुमार सिन्हा कहते हैं कि पूरे जिले में कदाचारमुक्त परीक्षा का संचालन किया जा रहा है,पर मधेपुरा टाइम्स की तस्वीरें ये बयां करने के लिए काफी है कि ये परीक्षा कदाचारमुक्त है या कदाचारयुक्त?
ये कदाचारमुक्त परीक्षा है या कदाचारयुक्त ?
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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February 24, 2012
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मैट्रिक की परीक्षा में सिर्फ परीक्षार्थी ही नहीं उनके अभिभावक भी काफी उत्तेजित होते हैं यही कारण है कि भीड़ ज्यादा दिखती है ,परन्तु प्रशासन की जिम्मेदारी है कि परीक्षा का संचालन सुचारू और कदाचार मुक्त हो / प्रशासन का यह दावा कि कदाचार मुक्त परीक्षा का संचालन किया जा रहा है सच प्रतीत होता है /लोगों को प्रशासन का सहयोग करना चाहिए /
ReplyDeleteपता नहीँ क्योँ, पर सच्चाई यही है कि, सबसे अधिक बेईमान और भ्रष्ट हमलोग हीँ है, क्योँकि भ्रष्टाचार को राष्ट्रीय स्तर पर बढावा हमारे गलत आचरण की वजह से हीँ मिलता है ।
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