रूद्र ना० यादव/०६ जून २०११
और आज जिला अधिवक्ता संघ भी सरकार के इशारे पर रामलीला मैदान में हुए पुलिसिया जुल्म के विरोध में खुलकर सामने आ गया.अधिवक्ताओं ने एक आपातकालीन बैठक कर इस बर्बरतापूर्ण घटना के विरोध में आज काम का बहिष्कार करने समबन्धित एक प्रस्ताव पारित किया.जिला न्यायाधीश को एक ज्ञापन देकर अधिवक्ताओं ने आज दस बजे के बाद अपने आपको न्यायालय के काम से अलग रखा.अधिवक्ताओं ने भी विदेशों में जमा काले धन को देश लाकर विकास में लगाने की मांग को जायज
ठहराया.जिला अधिवक्ता संघ के सचिव जवाहर झा ने कहा कि ०४ जून की रात में जो कुछ हुआ वो सरकार द्वारा
अनशनकारियों पर एक बर्बरतम कार्यवाही थी.अधिवक्ता संघ इस कार्यवाही का पुरजोर विरोध करता है.वहीं अधिवक्ता शशिशेखर सिंह कहते हैं कि केन्द्र सरकार कका ये कदम हताशा में उठाया गया कदम है.वे इस बात से खुश हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले में संज्ञान ले लिया है और अब सरकार कटघरे में है.
ठहराया.जिला अधिवक्ता संघ के सचिव जवाहर झा ने कहा कि ०४ जून की रात में जो कुछ हुआ वो सरकार द्वारा
अनशनकारियों पर एक बर्बरतम कार्यवाही थी.अधिवक्ता संघ इस कार्यवाही का पुरजोर विरोध करता है.वहीं अधिवक्ता शशिशेखर सिंह कहते हैं कि केन्द्र सरकार कका ये कदम हताशा में उठाया गया कदम है.वे इस बात से खुश हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले में संज्ञान ले लिया है और अब सरकार कटघरे में है.
दूसरी ओर अधिवक्ताओं द्वारा काम काज के बहिष्कार से दूर-दराज से आये लोगों का काम भी बाधित हुआ.कुछ मुवक्किलों को ये कहते सुना गया कि घटना दिल्ली में होती है और परेशान हम गरीब होते हैं.जो भी हो, अधिवक्ताओं के द्वारा बाबा की मुहीम को समर्थन और रामलीला मैदान की घटना का विरोध करने से मधेपुरा में भी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को बल मिलता प्रतीत होता है.
अधिवक्ताओं ने भी रोका काम 'बाबा पर बर्बरता' के विरोध में
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
June 06, 2011
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