मानवता की मिसाल कायम हुई मधेपुरा में: ग्रामीण होंगे पुरस्कृत

रूद्र नारायण यादव /१८ फरवरी २०११
कल मुरलीगंज के मीरगंज में हुई बस दुर्घटना के बाद वहां के लोगों ने जो मिसाल कायम की,वो पूरी दुनियां के लोगों के लिए अनुकरणीय है.लोग बताते हैं कि जिस समय बस गड्ढे में गिरी,एक भयानक आवाज हुई.अगले ही पल चारों तरफ शोर हो गया कि एक बस गड्ढे में गिर गयी है.पहले तो लोगों की भीड़ जमा हो गयी डूबे बस को देखने, पर तुरंत ही आपस में विचार कर मीरगंज के लोगों ने जिस कुशल प्रबंधन का
परिचय दिया वो काम मैनेजमेंट का टॉपर भी शायद ही कर पाता.ये वक्त था जब अधिकाँश घरों में लोग खाना खाने की तैयारी में थे.पर अब आ गया था वो काम जिसे ग्रामीणों को सबसे पहले करना था..बांस,लाठी  और नाव का इंतजाम कर पहले तो बस के शीशों को तोडा गया और फिर बस के पिछले हिस्से को तोड़कर अलग किया गया और लोगों ने  पानी में घुस-घुस कर बस से लोगों को निकालना शुरू किया.इस दिलेरी दिखाने में मर्दों के साथ महिलायें और बच्चों की भूमिका भी काफी सराहनीय रही.रात भर लोग लगे रहे लोगों को बचाने और घायलों को अस्पताल पहुंचाने.घरों में खाने परोसे ही रह गए.प्रशासन के लोगों के पहुँचने से पहले ही ग्रामीणों के साहस ने दर्जनों लोगों को मौत के मुंह से निकाल लिया.हालांकि दो बच्चियों को फिर भी नही बचाया जा सका,जो एक ही माँ-बाप के थे.
        घटना की खबर मिलते ही आपदा मंत्री रेणु कुमारी घटना स्थल पर पहुंची.उन्होंने मृतकों के परिजनों को एक-एक लाख रूपये देने की घोषणा की.ग्रामीणों के हौसले को जानकर मंत्री ने इन ग्रामीणों को पुरस्कृत करने की घोषणा भी की.
      इस घटनाक्रम से जो एक सबसे महत्वपूर्ण बात सामने आयी है वो ये कि मधेपुरा के लोगों में मानवता कूट-कूट कर भरी है और ये बेबस लोगों की जान बचाने के लिए अपनी जान को भी दांव पर लगाने में पीछे नही हटते.मधेपुरा टाइम्स के पाठकों की ओर  से मीरगंज के ग्रामीणों के जज्बे को सलाम.
मानवता की मिसाल कायम हुई मधेपुरा में: ग्रामीण होंगे पुरस्कृत मानवता की मिसाल कायम हुई मधेपुरा में: ग्रामीण होंगे पुरस्कृत Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on February 18, 2011 Rating: 5

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