बाढ़ के २ वर्ष होने को है लेकिन अभी भी जिला प्रशासन बाढ़ से ध्वस्त एक दर्जन से अधिक पुल-पुलिया के निर्माण के बारे में ठोस निर्णय नहीं ले पाई है.आलम यह है कि यातायात के मामले में जिला अब भी पगडंडी बना है.
बाढ़ से ध्वस्त मुरलीगंज स्थित बलुआहा पुल तथा मुख्यालय से सटे लोहापुल विकल्प के तौर पर अस्थाई पुल का निर्माण तो कर ली है लेकिन बरसात के मौसम में नदियों में आये उफान को ये पुल कितना बर्दास्त करेगा ये समय पर टिका है.
बाढ़ से ध्वस्त मुरलीगंज स्थित बलुआहा पुल तथा मुख्यालय से सटे लोहापुल विकल्प के तौर पर अस्थाई पुल का निर्माण तो कर ली है लेकिन बरसात के मौसम में नदियों में आये उफान को ये पुल कितना बर्दास्त करेगा ये समय पर टिका है.
बलुआहा का पुल और बगल में पीपा पुल
जबकि दूसरी ओर प्रशासन ने अन्य ध्वस्त पुलों के बगल में तैयार पगडंडी अपने हालात का बयां करने को काफी है.बाढ़ की त्रासदी से बर्बाद हुए जिले के लोग इस यातायात व्यवस्था को देख अपने सूखे जख्म को फिर से जिन्दा कर रहे हैं.लोगों का गुस्सा अगामी विधानसभा चुनाव में सत्ता पक्ष पर उतर सकता है. पुरैनी का ध्वस्त पुलिया
जिले में यातायात की व्यवस्था अब भी है लचर
Reviewed by Rakesh Singh
on
April 21, 2010
Rating:
No comments: