अपराधी को होगा लाभ: अधिवक्ताओं ने कहा गलत है एफआईआर

|वि० सं०| 29 अप्रैल 2013|
मधेपुरा थाना कांड संख्यां 225/2013 की प्राथमिकी पर अधिवक्ताओं ने भी आपत्ति जताई है. बता दें कि सदर थानाध्यक्ष के द्वारा तीन अलग-अलग घटनाओं का एक ही एफआईआर दर्ज करना मधेपुरा के कानूनविदों की नजर में पुलिस मैन्यूअल और सीआरपीसी का खुलमखुल्ला उल्लंघन है. वरीय
एक पीड़ित कपिल कुमार
अधिवक्ता भूपेंद्र नारायण यादव ने कहा कि इस एफआईआर को नियम के विरूद्ध दर्ज किया गया है. तीनों घटनाएं तीन दिनों में घटी है पर एक ही एफआईआर में सबको घुसा दिया है. इससे पीडितों को न्याय मिलना मुश्किल है. वहीं आपराधिक मामलों के वरीय अधिवक्ता धीरेन्द्र झा कहते हैं कि सूचक के द्वारा दिए गए आवेदन में अन्य दो पीडितों का हस्ताक्षर तक नहीं है. घटनाक्रम यदि एक होता तो एक एफआईआर दर्ज किया जा सकता था, पर यहाँ ऐसे कुछ भी नहीं दिखता है.
      अधिवक्ता नीरज कुमार पिंटू कहते हैं कि यह एफआईआर अपराधी को लाभ और पीडितों को हानि पहुंचा रहा है. तीन घटनाओं में एक घटना के संदिग्ध का नाम दिया गया है. यदि यही संदिग्ध तीनों घटना में पाया जाता है तो एक ही घटना में उसे जमानत लेने पर राहत मिल जायेगी. बाक़ी दो का लाभ उसे मिल जाएगा. दूसरी आशंका इस बात की भी है कि बाक़ी दो घटनाओं के अपराधी पुलिस की गिरफ्त से बच जाए. एक बड़ा सवाल पीडितों को मिलने वाले इंश्योरेंश के लाभ को लेकर भी है. ऐसे एफआईआर से पीडितों को इंश्योरेंश का लाभ मिलना मुश्किल हो सकता है. कुल मिलाकर ऐसी प्राथमिकी अपराधी को लाभ और पीडितों को घाटे में डाल देगा.
अपराधी को होगा लाभ: अधिवक्ताओं ने कहा गलत है एफआईआर अपराधी को होगा लाभ: अधिवक्ताओं ने कहा गलत है एफआईआर Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on April 29, 2013 Rating: 5

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