कुलसचिव से वार्ता में एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में मुख्यमंत्री कन्या स्नातक प्रोत्साहन योजना में आवेदन से वंचित छात्राएं पिछले कई दिनों से चिलचिलाती धूप, गर्मी और बारिश में लाइन में लगे हैं लेकिन विश्वविद्यालय के अधिकारी छात्रों के पीड़ाओं को नजअंदाज कर अपने कार्यालय में आराम फरमा रहे हैं. आवेदन का समय समिति है जिससे छात्राएं भयभीत है। जबकि काउंटरों की संख्या बढ़ाकर या महाविद्यालय स्तर पर इस कार्य को बड़े ही आसानी से किया जा सकता है । वहीं मूल प्रमाण पत्र में देरी भी छात्रों के लिए परेशानी का कारण है ।
प्रदेश उपाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि स्नातकोत्तर चतुर्थ सेमिस्टर का अंकपत्र और औपबंधिक प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया है । STET में आवेदन की अंतिम तिथि नजदीक है, अभ्यर्थी चिंतित है। इससे पूर्व भी विश्वविद्यालय के संवेदनहीनता और लेटलतीफी के कारण कई प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने से यहां के छात्र वंचित हो चुके है । उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन समय से प्रवेश, परीक्षा, परिणाम और प्रमाण पत्र देने में पीछे है । उन्होंने कहा कि अब तक भ्रष्टाचार, लेटलतिफी में विश्वविद्यालय का नाम सामने आते रहा है लेकिन अब जिस प्रकार से नोडल कार्यालय में पदाधिकारी चार छात्रा के साथ बंद होने जैसे आपत्तिजनक मामले सामने आ रहे है । इससे विश्वविद्यालय की छवि धूमिल हो रही है । ऐसे पदाधिकारी और कर्मियों पर अविलंब सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए । उसके सतह ही PAT 2023-24 में आवेदन की तिथि पुनः विस्तार किया जाए एवं सभी विषयों की रिक्तिया जारी की जाए।
प्रतिनिधिमंडल में मुख्यरूप से NSUI छात्रनेता आशीष कुमार, रणधीर कुमार, अमरजीत कुमार, नीतीश कुमार , कुमार सानू ,राहुल कुमार आदि उपस्थित थे ।

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